लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। आंचलिक विज्ञान नगरी अलीगंज के प्रागैतिहासिक प्राणी उद्यान में अब आप अनूठे लाइट एंड साउंड शो का भी आनंद ले सकेंगे। रविवार शाम आयोजित कार्यक्रम में लाइट एंड साउंड शो का भव्य उद्घाटन हुआ।

इस उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संदीप सिंह (शिक्षा राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार), विशिष्ट अतिथि प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप), वीपी गौड़ (उपमहानिदेशक, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, उत्तरीय क्षेत्र, लखनऊ), विजय शंकर (निदेशक, राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली) और स्वरूप मंडल (परियोजना समायोजक, आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ) के साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक आम दर्शकगण उपस्थित थे।

इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं आमजन को पृथ्वी के प्रागैतिहासिक इतिहास से जोड़ते हुए विज्ञान के प्रति रुचि और जिज्ञासा को प्रोत्साहित करना है। यह शो दर्शकों को करोड़ों वर्ष पुराने पृथ्वी के इतिहास की एक रोमांचक यात्रा पर ले जाएगा, जहाँ जीवंत डायनासोर, विशालकाय स्तनधारी और अन्य प्राचीन जीवों के जीवन-आकार के मॉडल्स रोशनी, ध्वनि और गति के माध्यम से सजीव प्रतीत होंगे। शो की मुख्य आकर्षणों में डायनासोर का मूवमेंट एनीमेशन मॉडल के द्वारा, इंटरएक्टिव विज्ञान प्रदर्शनी और विशेषज्ञों द्वारा संवाद शामिल हैं।

अपने उद्घाटन संबोधन में बोलते हुए संदीप सिंह ने शिक्षकों और अभिभावकों से आग्रह किया कि वे छात्रों को ऐसे नवाचारी शिक्षण वातावरण से अवगत कराएँ। उन्होंने कहा, ‘हमारा भविष्य उन्हीं बच्चों के हाथों में है जो ऐसी घटनाओं से प्रेरित होते हैं। यह शो न केवल मनोरंजन का स्रोत है, बल्कि विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने का एक शानदार तरीका है। मैं सभी स्कूलों से अनुरोध करता हूँ कि वे इस अद्भुत संसाधन का अधिकाधिक उपयोग करें।”

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ) ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह शो न केवल दर्शकों का मनोरंजन करता है, बल्कि पृथ्वी के जैविक धरोहर के बारे में जागरूकता फैलाने और वैज्ञानिक खोज को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह एक अद्वितीय अनुभव है, जो हमें अतीत और वर्तमान के बीच के अंतर को समझने में मदद करता है।”

विजय शंकर (निदेशक, राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली) ने अतिथियों का स्वागत संबोधन करते हुए बताया कि विज्ञान के साथ अनुभव को जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद की विविध गतिविधियों का परिचय देते हुए कहा, “विज्ञान का अध्ययन केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस प्रकार की सुविधाएँ बच्चों को अतीत की वास्तविकता से जुड़ने और जीवन के विकास और जैव विविधता को समझने का अवसर देती हैं। यह शो विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

स्वरूप मंडल (परियोजना समायोजक, आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ) ने सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “आंचलिक विज्ञान नगरी की ओर से हम विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और ऐसी आकर्षक प्रदर्शनी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सभी को इस लाइट एंड साउंड शो का अधिकाधित आनंद और अनुभव लेने के लिए आमंत्रित करते हैं।” प्रतिदिन सायं 6:45 बजे एवं 7:30 बजे लाइट एंड साउंड के शो दर्शकों को दिखाए जायेगें।


आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ का प्रागैतिहासिक प्राणी उद्यान उन अद्भुत जीवों की पुनर्रचित दुनिया है जो कभी इस पृथ्वी पर रहा करते थे। आज इन अनोखे जीवन रूपों में से कोई भी विद्यमान नहीं हैं और न ही ये किसी के द्वारा जीवित देखे गये थे। यह प्रागैतिहासिक प्राणी उद्यान आपको प्राचीन समय में ले जाता है, जिसमें आप पृथ्वी पर जीवन के विकास के कुछ मुख्य क्षणों की झलक देख सकते हैं जब प्राचीन समुद्रों में जीवन का आरम्भ हुआ था।