संत रविदास का दर्शन ही विकसित भारत संकल्प का प्रेरणास्रोत : योगी आदित्यनाथ

  • अयोध्या में प्राचीन संत रविदास मंदिर में सौन्दर्यीकरण कार्य एवं सत्संग भवन का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण
  • मुख्यमंत्री संत रविदास मंदिर में सामूहिक सहभोज कार्यक्रम में हुए शामिल, ग्रहण किया प्रसाद

अयोध्या (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचकर प्राचीन संत रविदास मंदिर के सौंदर्यीकरण कार्य और नवनिर्मित सत्संग भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री यहां सामूहिक सहभोज कार्यक्रम में शामिल होकर संतों के साथ प्रसाद ग्रहण किया। इससे पहले उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का विकसित भारत का संकल्प, सद्गुरू संत रविदास जी की प्रेरणा से ही आगे बढ़ रहा है। संत रविदास ने कहा था, ”ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट बड़ा सब संग बसे, रैदास रहे प्रसन्न”, उनका यही दर्शन प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प का आधार है। हमारा देश तभी विकसित भारत बनेगा, जब हम एकजुट होकर जातिगत और आर्थिक विषमताओं को दूर कर सकेंगे।

रविदास जी ने सामाजिक चेतना को जागृत किया


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक नई अयोध्या का निर्माण हो रहा है और आज संत रविदास मंदिर के सौंदर्यीकरण और सत्संग भवन के लोकार्पण के साथ यह प्रक्रिया और सशक्त हुई है। उन्हाने इसके लिए महंत बनवारी पति ब्रह्मचारी जी महाराज को बधाई दी। सीएम योगी ने संत रविदास को मध्यकालीन संत परंपरा का सिद्ध संत बताते हुए कहा कि उन्होंने कर्मप्रधान व्यवस्था के माध्यम से सामाजिक चेतना को जागृत किया और सामाजिक विसंगतियों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई।

आडंबर और रूढ़िवादिता के खिलाफ उठाई थी आवाज


मुख्यमंत्री ने मध्यकाल के कठिन समय का जिक्र करते हुए कहा कि जब विदेशी आक्रांताओं के अत्याचार और सनातन धर्म पर खतरे के बादल मंडरा रहे थे, तब काशी में संत रविदास ने सामाजिक एकता के लिए समाज को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने आडंबर और रूढ़िवादिता के खिलाफ आवाज उठाई और कर्म को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उनकी कहावत ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ आज भी प्रासंगिक है।

आजादी के बाद से ही अयोध्या की उपेक्षा की गई, अब नई अयोध्या हमारे सामने


सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काशी में सीर गोवर्धन को 10 वर्षों में भव्य स्वरूप दिया गया है और अयोध्या का कायाकल्प भी उसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने अयोध्या में फोरलेन सड़कों, महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, माता शबरी के नाम पर अन्न क्षेत्र, निषाद राज के नाम पर यात्री विश्रामालय और राम की पैड़ी व सरयू घाट के सौंदर्यीकरण जैसे कार्यों का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से अयोध्या की उपेक्षा की गई, लेकिन अब सूर्यवंश की ये राजधानी देश की पहली सोलर सिटी के रूप में अपनी पहचान बना रही है।

नेशन फर्स्ट की भावना ही करेगी समृद्ध भारत का निर्माण


उन्होंने पासी समाज, कबीर मठ और रजक समाज के संतों को आश्वासन दिया कि सरकार सभी वर्गों को जोड़कर आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जब हमारा संकल्प देश के प्रति कर्तव्यों से जुड़ेगा, तो सभी समस्याओं का समाधान संभव है। हमें नेशन फर्स्ट की भावना के साथ देश को प्राथमिकता देनी होगी, तभी हम संत रविदास और भगवान राम के आदर्शों पर चलकर एक समृद्ध भारत का निर्माण कर सकेंगे।

इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक और संत रविदास जी मंदिर के महंत बनवारी पति ब्रह्मचारी जी महाराज, चंपत राय, महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी, योगी बालकनाथ जी महाराज, रामानुजदास जी महाराज, डॉ सुंदरलाल जी महाराज, छतरदास जी महाराज, स्वामीदास जी महाराज, स्वामी भारत भूषण जी महाराज, सुकृत साहब सहित सद्गुरू रविदास जी महाराज की भक्तिधारा से जुड़े अन्य संतजन एवं श्रद्धालुगण मौजूद रहे।