मुंबई (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। एचडीएफसी बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में सात प्रतिशत बढ़कर 18,835 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, कंपनी ने शनिवार को आवास और कॉरपोरेट ऋण खंडों में मूल्य निर्धारण से जुड़े मुद्दों पर चिंता जताई, जिससे उसकी ऋण वृद्धि प्रभावित हो रही है।
एकल आधार पर, निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता ने समीक्षाधीन तिमाही के लिए 17,616 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभदर्ज किया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 16,512 करोड़ रुपये था। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान शुद्ध ब्याज आय 10.3 प्रतिशत बढ़कर 32,070 करोड़ रुपये हो गई, जबकि शुद्ध ब्याज मार्जिन मामूली रूप से बढ़कर 3.5 प्रतिशत हो गया तथा सकल अग्रिम वृद्धि 5.4 प्रतिशत रही।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा कि बैंक ने जानबूझकर ऋण वृद्धि को धीमा करने और वित्त वर्ष के लिए देनदारियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जमा वृद्धि 15 प्रतिशत से अधिक रही है। उन्होंने बताया कि इससे बैंक को मार्च में अपने ऋण जमा अनुपात को एक साल पहले की समान अवधि के 104 प्रतिशत से कम करके 96 प्रतिशत करने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2026-27 में इस प्रमुख संख्या को और कम करके विलय-पूर्व स्तर 85-90 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में ऋण वृद्धि बैंकिंग प्रणाली के 11 प्रतिशत से कम है। वैद्यनाथन ने कहा कि बैंक का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रणाली के बराबर ऋण बढ़ाना है और अगले वित्त वर्ष में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए प्रणाली से आगे निकलने के लिए इसमें तेजी लाना है। हालांकि, अधिकारी ने कहा कि बैंक को मूल्य निर्धारण के मोर्चे पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण वह कुछ ऋण प्रस्तावों से दूर रह रहा है। उन्होंने विशेष रूप से गृह ऋण का उल्लेख किया, जो कुल 26.43 लाख करोड़ रुपये के खाते का 30 प्रतिशत है।
शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की जनवरी-मार्च तिमाही में 15.7 प्रतिशत बढ़कर 13,502 करोड़ रुपये हो गया। निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता का एकल आधार पर शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 18 प्रतिशत बढ़कर 12,630 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले समान तिमाही में 10,708 करोड़ रुपये था। बैंक की मूल शुद्ध ब्याज आय मार्च तिमाही में 11 प्रतिशत बढ़कर 21,193 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 19,093 करोड़ रुपये थी।
कोष को छोड़कर बैंक की गैर-व्याज आय मार्च तिमाही में 18.4 प्रतिशत बढ़कर 7,021 करोड़ रुपये हो गई। मार्च तिमाही में बैंक का प्रावधान 891 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 718 करोड़ रुपये था। सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात बढ़कर मार्च, 2025 के अंत में 1.67 प्रतिशत हो गया, जो दिसंबर, 2024 में 1.96 प्रतिशत था।
उन्होंने बताया कि प्रावधानों में कमी के कारण बीते वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 63 प्रतिशत बढ़कर 738 करोड़ रुपये हो गया। मुंबई स्थित बैंक ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में उसका शुद्ध लाभ92.3 प्रतिशत बढ़कर 2,406 करोड़ रुपये हो गया। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान यस बैंक की मुख्य शुद्ध व्याज आय 5.7 प्रतिशत बढ़कर 2,276 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान अग्रिमों में 8.1 प्रतिशत और शुद्ध ब्याज मार्जिन में 0.1 प्रतिशत वृद्धि हुई। शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक जनवरी-मार्च तिमाही में उसकी एकल कुल आय सालाना आधार पर 9,015.77 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,355.39 करोड़ रुपये हो गई।
बैंक ने कहा कि उसकी जमाओं में 6.8 प्रतिशत वृद्धि हुई। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी प्रशांत कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि बैंक का लक्ष्य व्यापक आर्थिक स्थितियों के आधार पर 12-15 प्रतिशत के बीच ऋण वृद्धि हासिल करना है। उन्होंने यह भी कहा कि जमा वृद्धि, ऋण वृद्धि से अधिक होगी।