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मेदांता लखनऊ ने ‘नारी शक्ति सम्मान’ में महिलाओं के योगदान को सराहा

  • अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर समाज में बदलाव लाने वाली महिलाओं का सम्मान
  • महिला सशक्तिकरण और समानता के प्रति मेदांता की प्रतिबद्धता से बना मंच, जिससे सभी महिलाएँ बनें सुरक्षित, सम्मानित और सशक्त

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मेदांता हॉस्पिटल ने उन महिलाओं को सम्मानित किया जो समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। यह आयोजन केवल जश्न मनाने का अवसर नहीं था, बल्कि उन महिलाओं के साहस और मेहनत को पहचानने का एक मंच था जो वास्तविक जीवन में प्रेरणा बन रही हैं।

इस कार्यक्रम में पाँच असाधारण महिलाओं ने अपनी प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं। महिला कैदियों के पुनर्वास में वर्षों समर्पित करने वाली श्रीमती मीना ने बताया कि सम्मान केवल दूसरा मौका देने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होता है। उनके जीवन संघर्ष से जुड़ी बातों ने सभी को गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया।

रेड ब्रिगेड की संस्थापिका उषा ने अब तक 2.5 लाख महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाया है। उनकी निडरता और समर्पण ने लाखों महिलाओं को सुरक्षा और आत्मविश्वास से भर दिया है।

गायिका जया तिवारी ने बताया कि उनका महिला संगीत बैंड केवल संगीत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने और महिलाओं को आगे बढ़ाने का एक ज़रिया है।

वहीं, लखनऊ की 23 वर्षीया लॉ छात्रा खुशी पांडेय ने अपने निजी दुख को समाज की भलाई के लिए बदल दिया। अपने नाना को सड़क दुर्घटना में खोने के बाद, उन्होंने ‘प्रोजेक्ट उजाला’ की शुरुआत की, जिससे साइकिलों पर लाइट लगाकर दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

पर्यावरण कार्यकर्त्री सारा ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के बीच गहरे संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने यह संदेश दिया कि स्थिरता केवल प्रकृति के लिए नहीं, बल्कि लोगों के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

यहाँ कार्यक्रम में उपस्थित मेदांता लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. राकेश कपूर ने कहा, “मेदांता में उपचार केवल दवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि हम हर व्यक्ति को, चाहे वह किसी भी लिंग का हो, समान देखभाल, सुरक्षा और सम्मान देने में विश्वास रखते हैं। इन महिलाओं की मेहनत और साहस हमारे समाज के लिए प्रेरणा है। इनका योगदान हमें एक बेहतर और समान समाज बनाने की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”

कार्यक्रम के अंत में, बातचीत का सिलसिला जारी रहा। ये कहानियाँ सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धियाँ नहीं थीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने की ज़रूरत की याद दिलाने वाली प्रेरणाएँ थीं। मेदांता हॉस्पिटल इस बात पर विश्वास रखता है कि सही उपचार केवल शरीर का ही नहीं होता, बल्कि सही उपचार ऐसा माहौल बनाने की प्रक्रिया है जहाँ हर महिला सुरक्षित, सम्मानित और सशक्त महसूस करे।