लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। गणतंत्र दिवस के अवसर पर, सुएज इंडिया ने भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में छात्रों के लिए एक एक्सपोजर टूर का आयोजन किया। इस टूर में विभिन्न संस्थानों से आए हुए 150 छात्र शामिल हुए। इस टूर में कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एसजीपीजीआईएमएस, गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, बहराइच और सेंट मेरीज कॉलेज ऑफ नर्सिंग के स्टूडेंट्स शामिल थे। इस अवसर पर कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एसजीपीजीआईएमएस के स्टूडेंट्स ने पर्यावरण संरक्षण पर एक बेहद भावपूर्ण स्किट की प्रस्तुति दी। यह प्रस्तुति स्वच्छ भारत अभियान के तहत नो प्लास्टिक कैंपेन पर आधारित थी। सुएज इंडिया की तरफ से इस प्रस्तुति को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इससे पहले टूर की शुरुआत भरवारा एसटीपी के परिसर के भ्रमण से हुई। स्टूडेंट्स को एसटीपी की संरचना और इसके विभिन्न हिस्सों के बारे में बताया गया। उन्हें बताया गया कि एसटीपी कैसे काम करता है और यह सीवेज ट्रीटमेंट के लिए किन तकनीक का उपयोग करता है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने स्टूडेंट्स को शहरी बुनियादी ढांचे और विकास के बारे में जानकारी दी।
सुएज इंडिया के अनुभवी इंजीनियरों ने स्टूडेंट्स के साथ पर्यावरण इंजीनियरिंग और टिकाऊ प्रथाओं पर एक इंटरएक्टिव चर्चा की। इंजनियरों ने स्टूडेंट्स को बताया कि पर्यावरण इंजीनियरिंग हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए नई तकनीकों और प्रथाओं को विकसित करने पर केंद्रित इंजीनियरिंग की ब्रांच है। इंजनियरों ने स्टूडेंट्स को टिकाऊ प्रथाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि ये ऐसी प्रथाएं हैं जो पर्यावरण के लिए हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करती हैं। उन्होंने बताया कि कैसे रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को विकसित किया गया है और प्रदूषण को कम करने के लिए नए तरीके विकसित किए गए हैं।
इस भ्रमण के अंत में स्टूडेंट्स को सुएज इंडिया ने टी-शर्ट और प्रमाण पत्र वितरित किए। यह प्रमाणपत्र इन छात्रों के सीवी को अधिक बेहतर बनाएंगे और निरंतर सीखने और उनके प्रोफेशनल डेवलपमेंट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाएंगे।
वन सिटी वन ऑपरेटर स्कीम के तहत सुएज़ के परियोजना निदेशक राजेश मठपाल ने इस भ्रमण के बारे में बात करते हुए कहा, “इस एक्सपोजर विजिट ने स्टूडेंट्स को शहरी विकास में टिकाऊ प्रथाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने, सीखने, उसके विषय में बातचीत करने और मूल्यवान ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया।”