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ऑनलाइन लोक चौपाल में गूंजा “देवी मइया सपने में आईं मोरे अंगना…”

लोक चौपाल में देवी गीतों संग स्वास्थ्य चर्चा

स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं व्रत और उपवास

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित लोक चौपाल में देवी गीतों की प्रस्तुति के साथ ही शरद ऋतु में स्वास्थ्य की देखभाल पर चर्चा हुई। रविवार को हुए आनलाइन चौपाल की अध्यक्षता संगीत विदुषी प्रो. कमला श्रीवास्तव ने की।

विषय प्रवर्तन करते हुए लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने कहा कि शारदीय नवरात्र में व्रत और उपवास की परम्परा स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि ऋतु संधि का समय होने के कारण रोगों का प्रकोप स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। गायिका एवं चित्रकार रेनू पांडेय ने मधुबनी शैली में स्वयं द्वारा रची मां दुर्गा की पेण्टिंग प्रदर्शित की।

चौपाल में देवी गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां भी हुईं। शुभारम्भ वरिष्ठ लोक गायिका इन्द्रा श्रीवास्तव ने कहां गईं जगदम्बे मनाय लाऊं से किया। प्रो. कमला श्रीवास्तव के स्वरचित नवगीत देवी मइया सपने में आईं मोरे अंगना को नीरा मिश्रा ने प्रस्तुत किया। अंजलि सिंह ने काहू से बरनि जाए मेरी अम्बे, सरिता अग्रवाल ने हे मां मुझको ऐसा घर दो जिसमें तुम्हारा मंदिर हो, रेखा अग्रवाल ने सजा दो घर को फूलों से मेरी जगदम्बे आई हैं, संगीता दुबे ने देवी मइया आई हैं हमरी बगिया में पायौं सुभ दरसनवा हो ना, सुषमा प्रकाश और कल्पना सक्सेना ने जयति जय मां शैलपुत्री, रेखा मिश्रा ने बोलें जगतारिनी माता, पल्लवी निगम ने तेरी झांकी पे मैं बलिहारी जाऊं, संगीता खरे ने खोलो भवन के द्वार माता तेरे दरसन पाऊं, डा. अपूर्वा अवस्थी ने मैं सुमिरो मेरी आदि भवानी, रत्ना शुक्ला ने तोहरे सरन हम आये रे जगदम्बे मइया, अर्चना गुप्ता ने मइया तोरा झूला पड़ा बगियन मा, नीरा मिश्रा ने देवी तो हमरे घर आईं दरस दिखलाईं निहुर कै हम पइयां लागीं, इन्दु सारस्वत ने लाल ध्वजा फहराए, मधु श्रीवास्तव ने देवी मइया फूलन तेरो सिंगार, सीमा पाण्डेय ने शेरों पर होकर सवार मेरी अम्बे सुनाया, संगीता दुबे ने देवी मैया अइहें मोरे अंगनवा, शकुन्तला श्रीवास्तव ने मेरी लाज की रखवइया तुम ही हो सुनाया। चौपाल में आशा श्रीवास्तव, सरिता श्रीवास्तव, सुनीता पाण्डेय, शक्ति श्रीवास्तव, भावना शुक्ला, अंशुमान मौर्य सहित अन्य मौजूद रहे।