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महिला सशक्तिकरण, जेंडर इक्वलिटी और महिलाओं के लिए उद्यमिता’ पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुई कोटो कम्युनिटी

‘घर, कार्यस्थल पर महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और समाज द्वारा स्थापित इन पहले से कायम धारणाओं को कैसे तोड़ा जाए’  के विषय पर हुई गहन चर्चा 

कानपुर/लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे डेस्क)। जेंडर इक्वलिटी और महिला उत्थान को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे सोशल कम्युनिटी ऐप कोटो ने हाल ही में कानपुर की महिलाओं के लिए एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम का आयोजन किया। जहाँ उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़कर सामाजिक बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से अलग अलग क्षेत्रों से आने वाली महिलाऐं एक मंच पर आई और मानसिक स्वास्थ्य, जेंडर इक्वलिटी और महिलाओं के उद्यमशीलता में अनुभवों के बारे में चर्चा की। वेब3 के सिद्धांतों पर आधारित कोटो महिलाओं के लिए डिज़ाइन किया गया एक सोशल कम्युनिटी प्लेटफोर्म है जो एक भरोसेमंद, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत दुनिया की स्थापना की कल्पना करता है। जहां महिलाएं भी बदलाव लाने में सक्षम हैं। कार्यक्रम की शुरुआत कोटो के खुल के बोलो अभियान के साथ हुई, जहाँ शहर की महिलाओं के अनुभवों पर एक हृदयस्पर्शी और शानदार चर्चा हुई।

इस शानदार शाम को कोटो की को- फाउंडर अपर्णा आचरेकर, अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस खिलाड़ी गीता टंडन कपूर, उद्यमी एवं रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3110 की असिस्टेंट गवर्नर मनीषा बाजपेयी, हाउस ऑफ आर्टिस्ट्री की संस्थापक नाज़िया मंज़र और यूपीपीएससी (जे) रैंक 1 टॉपर निशी गुप्ता के नेतृत्व में गहन चर्चाएँ हुईं। कार्यक्रम का आयोजन कोटो सिटी एंबेसेडर शिखा शुक्ला और हर्षिता शर्मा द्वारा किया गया था, जो कम्युनिटी क्वींस ऑफ कानपुर भी चलाती हैं।

अपने विचार साझा करते हुए, कोटो की को- फाउंडर अपर्णा आचरेकर ने कहा, “कोटो में हम आत्म-विकास, नेटवर्किंग और मोनिटाईजेशन जैसे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए महिलाओं को एक साथ लाने की कल्पना करते हैं। हम कोटो के माध्यम से महिलाओं को सक्षम बनाना चाहते हैं ताकि महिलाएं अन्य महिलाओं के सहयोग से अपने सपनों और लक्ष्यों को पूरा कर सकें।

महिलाओं को सशक्त बनाने के कोटो के इस लक्ष्य के मानसिक स्वास्थ्य, उद्यमिता और महिला उत्थान जैसे विषय केंद्र में हैं। इनके माध्यम से हम उन्हें खुद को बेहतर बनाने के लिए सही टूल्स, नॉलेज और एक प्लेटफोर्म प्रदान करते हैं। हमारे साथ मिलकर, महिलाएं अपनी उपलब्धियों का जश्न मना सकती हैं, ज्ञान साझा कर सकती हैं और एक-दूसरे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।”

जीवन के विभिन्न पहलुओं में महिलाओं के लिए समान अवसर के महत्व पर चर्चा करते हुए, अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस खिलाड़ी गीता टंडन कपूर ने कहा, “प्रोफेशनल तरीके से खेल को आगे बढ़ाने में काफी उतार-चढ़ाव आए, यात्रा आसान नहीं रही लेकिन इसने मुझे हमेशा ख़ुशी दी है और हमेशा स्वतंत्रता का एहसास दिया है। यही कारण है कि मुझे कोटो पसंद है क्योंकि यह महिलाओं को जुनून और महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने, एक-दूसरे को प्रेरित करने, अपनी क्षमता का एहसास करने और खुद का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करता है। मैं वास्तव में मानती हूं कि महिलाओं को खुद को सीमाओं में नहीं बांधना चाहिए बल्कि आपस में सहयोग को बढाकर एक-दूसरे को प्रोत्साहित करना चाहिए।”

अपने विचार व्यक्त करते हुए, उद्यमी और रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3110 की असिस्टेंट गवर्नर मनीषा बाजपेयी ने कहा, “एक उद्यमी के रूप में, मैंने हमेशा महिलाओं को उद्योग में अपने लिए एक अलग जगह बनाने के लिए प्रेरित किया है। मेरा मानना है कि चाहे अपनी आकांक्षाओं का पालन करके या विश्राम के बाद वर्कफ़ोर्स में लौटकर पर महिलाओं को अपना लक्ष्य हासिल करने में सक्षम होना चाहिए। महिलाओं के लिए एक सुरक्षित मंच के रूप में कोटो वर्किंग प्रोफेशनल के लिए बहुत जरुरी है क्योंकि यह एक साथ जुड़ने, साझा करने और सशक्त होने के लिए प्रेरित करता है। मैं एक जैसी विचारधारा वाले लोगों से जुड़ना चाहती हूं ताकि हम एक-दूसरे को प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें।

उद्यमिता में महिलाओं पर अपना दृष्टिकोण बताते हुए हाउस ऑफ आर्टिस्ट्री की सीईओ नाज़िया मंज़र ने कहा, “आर्ट हमेशा से मेरा प्रेरणा और मेरा पसंद रही है। लेकिन आर्ट को प्रोफेशनल तरीके से आगे बढ़ाने में मुझे झिझक महसूस होती थी। कोटो कम्युनिटीज़ का एक मंच है जो महिलाओं के जीवन के हर पहलू को सपोर्ट करता है, चाहे वह अपना व्यवसाय शुरू करना हो, मानसिक स्वास्थ्य या फाईनेंशियल प्लानिंग करना हो।

महिला सशक्तीकरण के बारे बात करते हुए यूपीपीएससी (जे) परीक्षा रैंक-1 टॉपर निशी गुप्ता ने कहा, “आज साझा किया गया हर अनुभव, हर संवाद, हर चर्चा बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि हमने एक साथ महसूस किया कि हम सभी में परिवर्तन लाने की  बहुत ज्यादा संभावनाएं मौजूद हैं। मैं हमेशा इस बात की समर्थक रही हूँ कि महिलाओं के उच्च शिक्षा प्राप्त चाहिए क्योंकि वे और अधिक ऊंचाइयों तक पहुँच सकती हैं। कोटो, महिलाओं के लिए एक ऐसा मंच है जहां न केवल उनकी आवाज और प्रतिभा उभर कर आ सके बल्कि उन्हें मार्गदर्शन और परामर्श भी मिल सके ताकि उन्हें व्यक्तिगत रूप से और भी अधिक बेहतर और सशक्त बनाया जा सके।

 आयोजन के विषय पर टिप्पणी करते हुए, कानपुर की कोटो सिटी एम्बेसडर शिखा शुक्ला ने कहा, “कोटो पर एक कम्युनिटी के निर्माण का उद्देश्य कानपुर की महिलाओं में सुरक्षा और अपनेपन की भावना लाना था। इसका उद्देश्य बाधाओं को तोड़ना और नेटवर्किंग के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करना और अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए एक उचित वातावरण बनाना था। अब तक की हमारी यात्रा व्यावहारिक और ज्ञान से प्रेरित रही है, मुझे उम्मीद है कि शहर की अधिक से अधिक महिलाएं कम्युनिटी में शामिल होंगी ताकि हम एक साथ बढ़ सकें।

महत्वाकांक्षा की यात्रा पर बढ़ते हुए कानपुर की कोटो सिटी एंबेसडर, हर्षिता शर्मा ने कहा, “मैं असल में महिलाओं के लिए अच्छे डिजिटल प्लेटफॉर्म को लाकर उन्हें बहादुरी से अपने उद्देश्यों की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं। यह प्लेटफोर्म हर उस महिला की यात्रा का जश्न मनाता है जो बड़े सपने देखने की हिम्मत करती हैं जैसे मैंने किया है। कोटो वास्तव में हर उस महिला के लिए है जो अपनी मौजूदा स्थिति से आगे बढ़ने, सीखने, अनुकूलन करने और व्यक्त करने की इच्छा रखती है, चाहे वह गृहिणी हो या उद्यमी।”