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…और जब आंखों में पट्टी बांधकर आदविका ने दिया सटीक जवाब

हार्टफुलनेस के योग महोत्सव में योग व ध्यान के संगम से मधुर जीवन का संदेश

– अलीगंज स्टेडियम में हजारों लोगों ने एक साथ किया योग एवं ध्यान

तीन दिवसीय ‘हर दिल-हर दिन ध्यान : योग महोत्सव’ का आगाज

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा / टेलिस्कोप टुडे)। कक्षा – 4 की छात्रा आदविका ने जब आंखों में काली पट्टी बांधकर कलरों की सही पहचान की तो सभी दंग रह गए और कार्यक्रम स्थल करतल ध्वनि से गूंज उठा।सेक्टर-“एच” में स्थित एलडीए फुटबॉल स्टेडियम में शुक्रवार शाम शुरू हुए तीन दिवसीय योग महोत्सव में आदविका ने आध्यात्मिक ज्ञानार्जन का अदभुत प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्य चकित कर दिया। बतौर मुख्य अतिथि मौजूद कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने अलग-अलग कलर की बॉल निकाली जिसकी आदविका ने सही पहचान की। यहीं नहीं जब कैबिनेट मंत्री ने उसे एक पत्रिका देते हुए पेज नंबर 15 खोलने के लिए कहा तो आंखों पर काली पट्टी बांधे आदविका ने न सिर्फ पेज नंबर 15 खोला बल्कि उसमें लिखी लाइनों को बिना देखे सही पढ़कर सभी को अचंभित कर दिया। यह देख कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना बोले, वास्तव में अपने आप में चौकाने वाला है, ये तो जादू है।

योग से तन तो ध्यान से मन रहता है स्वस्थ

योग से तन स्वस्थ रहता है तो ध्यान से मन। योग एवं ध्यान के संगम से जीवन मधुर किया जा सकता है। योग से निरोगी जीवन और ध्यान से तनाव मुक्त-शांतिपूर्ण जीवन शैली की चाह रखने वाले भारी संख्या में लोग शुक्रवार को एलडीए फुटबॉल स्टेडियम में प्रारंभ हुए हर दिल-हर दिन ध्यान : योग महोत्सव का हिस्सा बनें। तीन दिवसीय इस महोत्सव का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने किया। इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि लखनऊ उत्तर क्षेत्र के विधायक डॉ. नीरज बोरा भी उपस्थित रहे। योग एवं ध्यान के महत्व से आम जनमानस को जागरूक कराने के लिए श्री रामचंद्र मिशन, हार्टफुलनेस इंस्टिट्यूट एवं संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग व लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 

शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आजादी के अमृत काल में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में  देश भर में योग महोत्सव का आयोजन कर श्री रामचंद्र मिशन व हार्टफुलनेस संस्था ने अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन शैली के लिए ऐसे आयोजनों की अपनी सार्थक उपयोगिता है। उन्होंने कहा कि हम जितना अच्छे तरीके से अपने आप को डिटैच करेंगे उतना अच्छा अटैचमेन्ट होगा। जितनी अच्छी आप प्रेक्टिस करेंगे उतनी अच्छी ही अनुभूति होगी। हमारी इच्छाएं ही दुःख का कारण हैं। अपने आप मे एहसास ही तमाम बुराइयों से दूर कर सकता है और ध्यान करने से आपको अहंकार से मुक्ति मिलेगी। पीएम ने दुनिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित करवाया। उन्होंने योग महोत्सव की स्मारिका का विमोचन भी इस अवसर पर किया। स्मारिका में हार्टफुलनेस मेडिटेशन, सफाई व प्रार्थना के विषय में विशेष जानकारी समाहित की गयी है। गुस्से का सामना, स्वीकार्यता, जो चुनोगे वो बनोगे और स्वास्थ्य और नींद विषयक संक्षिप्त लेखों को स्मारिका में संस्था के ग्लोबल गाइड पद्म भूषण कमलेश डी पटेल दाजी के संदेश के साथ प्रकाशित किया गया है। इस अवसर पर विधायक डॉ. नीरज बोरा ने कहाकि योग हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत है। इसे जीवन शैली का अंग बनाना आज अत्यधिक प्रासंगिक हो चुका है। जब सभी मिलकर योग व ध्यान करेंगे तभी लखनऊ स्वस्थ रहेगा। दुनिया में सभी मिलकर योग और ध्यान करें तो ग्लोबल विलेज की अवधारणा साकार रूप ले सकेगी।

ख्यातिलब्ध लोक गायिका उमा श्रीवास्तव के कुशल संचालन में अहमदाबाद से आएं मुख्य प्रस्तोता जिग्नेश शेलात ने हार्टफुलनेस रिलैक्सेशन व मेडिटेशन का अभ्यास करवाया। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस रिलैक्सेशन पैर की उंगलियों से लेकर पूरे शरीर को शिथिल करने की तकनीक है। शरीर का कोई अंग तनावमुक्त, पीड़ायुक्त या बीमार है तो उसे धरती माता की आरोग्यकारी ऊर्जा से शांत किया जा सकता है। इसी प्रकार से हार्टफुलनेस मेडिटेशन में हृदय में पहले से ही उपस्थित दिव्य प्रकाश का बड़े हल्के व स्वाभाविक रूप से ध्यान किया जाता है। जागरूकता से परे जाकर गहरी अवस्था में रह कर ध्यान तब तक किया जा सकता है, जब तक आपको यह न लगे कि ध्यान पूरा हो गया है। 

महोत्सव के पहले दिन भजन संध्या में किशोर चतुर्वेदी और स्वाति रिज़वी ने सुमधुर भजनों से माहौल को भक्तिमय कर दिया। उन्होंने भजन प्रेम मुदित मन से कहो राम-राम-राम प्रस्तुत कर सभी को आनंदित किया। योग के महत्व को गीतों के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए उन्होंने योग किया जा रोज़ किए जा व योग की धार बही जो है रुकने का नाम नहीं लेगी, सुनाकर भाव विभोर किया। उनके साथ संगत कलाकारों में तबले पर राजकुमार, बांसुरी पर दीपेन्द्र कुंवर व सह वाद्य यन्त्र पर ज्योति प्रकाश शुक्ला का सहयोग रहा। महोत्सव के अंत में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्राणायाम, मुद्रा व चेयर योग करवाया गया। भारी संख्या में मौजूद लोग ने ध्यान के साथ ही योग का अभ्यास भी किया। 

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी मेहरोत्रा ने बताया कि महोत्सव में बाल निकुंज स्कूल्स एंड कॉलेलेज के सभी शाखाओं के स्टूडेंट्स के साथ ही अन्य स्कूल-कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, संस्थानों, शासकीय व निजी कार्यालयों एवं स्वयंसेवी संगठनों के साथ-साथ लखनऊ के सम्मानित नागरिकों को उपस्थिति मुख्य रूप से हो रही है। 8 व 9 अप्रैल को सुबह 6 से 8 बजे व शाम 6 से 8 बजे तक सत्रों का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव का मुख्य आकर्षण भजन संध्या, पोलैरिटी और बच्चों के सर्वांगीण विकास पर आधारित ब्राइटर माइंड की प्रस्तुति भी रहेगी। इस आयोजन के सभी सत्र निःशुल्क हैं।