आईआईए भवन में शुरू हुये इंडिया सोलर एवं ई व्हीकल एक्सपो में प्रदर्शित किया गया उत्पाद
लखनऊ। घरेलू स्तर पर सौर समाधानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लूम सोलर की ओर से गुरुवार को मिशन जीरो एमिशन लॉन्च किया। जिसे आज यहां आईआईए भवन के प्रागण में प्रारम्भ हुयी इंडिया सोलर एवं ई व्हीकल एक्सपो में प्रदर्शित किया गया। सोलर टेक स्टार्टअप, लूम सोलर के मिशन जीरो एमिशन का मकसद घरेलू स्तर पर कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है। इस मिशन को पूरा करने के लिए, लूम सोलर ने तीन मुख्य रूपरेखाओं का चयन किया है। पहली सौर अपनाने में आसानी के लिए तेज़ लोन सुविधा, दूसरी सोलर उत्पाद और समाधान स्तर पर नवीनीकरण और तीसरी लोगों तक आसानी ने पहुंच बढ़ाना शामिल है। मिशन जीरो एमिशन कही ज्यादा एडवांस्ड तकनीक आईओटी 5केडब्लूएच काम 10048 – लिथियम बैटरी, सोलर बाइफ़ेशियल पनेल्स जैसे एडवांस्ड प्रोडक्स से लैस है। जो कम वोल्टेज में और बिजली जाने की स्थिति में एयर कंडीशनर को चलाने की क्षमता रखते है। यही नहीं शार्क सोलर पैनल दोनों तरफ से बिजली पैदा कर सकते है। अन्य और तकनीकों से लैस इस प्रोडक्ट को आईआईए भवन, उत्तर प्रदेश में आयोजित हुई इंडिया सोलर एयर ई व्हीकल एक्सपो में प्रदर्शित किया गया था। पिछले 5 वर्षों में, लूम सोलर भारतीय रूफटॉप सौर और लिथियम बैटरी स्पेस में हरित प्रौद्योगिकियों का नेतृत्व कर रहा है और लोगों के बीच विश्वास बनाते हुए सौर प्रौद्योगिकियों को अपनाने वाले 50,000 से अधिक घरों और कार्यालयों तक पहुंचा है। लूम सोलर एक कदम आगे बढ़ाते हुए तेजी से वित्तीय मदद कोलेटरल फ्री लोन मुहैया करवा रहा है । साथ ही कामकाजी दिनों में 2 दिन के भीतर प्रॉडक्ट डिलीवरी देता है। इस अवसर पर विस्तार से बताते हुए निशि चंद्रा (हेड मार्केटिंग, लूम सोलर) ने कहा, “हमें मिशनः जीरो एमिशन पेश करने की खुशी है, जिसका उद्देश्य घरेलू स्तर पर कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है। लूम सोलर लीक से हटकर तकनीकों के विकास में निवेश कर रहा है। इससे कार्यालय ही नहीं बल्कि घरों में सौर ऊर्जा को अपनाने में आसानी होगी। ग्राहकों के लिए इसे आसान बनाते हुए, हमने तेजी से घरों तक पहुंचने को सुनिश्चित करने पर भी काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि, हर वर्ष बिजली की मांग बढ़ रही है, इसलिए ऐसे समाधानों को देखने की जरूरत है जो जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा में सुधार करने में मदद कर सकें। गर्मी का मौसम आने को है, लगातार बिजली की जरूरत और एयर कंडीशनिंग की मांग ने ऊर्जा की खपत में वृद्धि के रुझान को दिखाया है। भारी मात्रा में हरित ऊर्जा को अपनाने से 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने और 2005 के स्तर से 2030 तक घरेलू उत्पाद की कार्बन तीव्रता को 45 प्रतिषत तक कम करने के भारत के लक्ष्य में भी योगदान मिलेगा।