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शब्द हिंसा का बेलगाम समय !

जरूरी है मीडिया का भारतीयकरण -प्रो.संजय द्विवेदी यह ‘शब्द हिंसा’ का समय है। बहुत आक्रमक, बहुत बेलगाम। ऐसा लगता है कि टीवी न्यूज मीडिया ने यह मान लिया है कि शब्द हिंसा में ही उसकी मुक्ति है। चीखते-चिल्लाते और दलों के प्रवक्ताओं को मुर्गो की तरह लड़ाते हमारे एंकर सब …

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