के. विक्रम राव (स्मृति शेष: यह लेख के विक्रम राव जी की आत्मकथा : “तूफ़ान तो आए कई, झुका न सके!” में प्रकाशित है) इंदिरा गांधी द्वारा भारत पर थोपी गई फासिस्ट इमर्जेंसी की स्वर्ण जयंती है। स्वर्णिम कदापि नहीं। कालिखभरी। तारकोल से भी ज्यादा काली। वह सुबह (बृहस्पतिवार, …
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