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भारत दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है : पेनपा त्सेरिंग

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बीकेटी स्थित एसआर ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन में ‘तिब्बतन अवेयरनेस टॉक – पर्यावरण और सुरक्षा’ विषय पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गणपति वंदना से हुई, जिसके बाद बच्चों द्वारा प्रस्तुत तिब्बती नृत्य देखकर तिब्बत के राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग भावुक व मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने कहा कि लखनऊ की नवाबी संस्कृति और भाषा उन्हें बेहद खास लगी और वे इसे सीखना चाहते हैं।

इस अवसर पर एसआरजीआई के चेयरमैन एवं एमएलसी पवन सिंह चौहान, भारत-तिब्बत संवाद के ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटर डॉ. संजय मिश्रा, वाईस चेयरमैन पीयूष सिंह चौहान, वाईस चेयरपर्सन सुष्मिता सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने कहा कि पर्यावरण और सुरक्षा 21वीं सदी का सबसे बड़ा वैश्विक मुद्दा बन चुका है। लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में पर्यावरणीय चुनौतियाँ जैसे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, वन कटाई और जल संकट सीधे हमारी सुरक्षा और जीवन को प्रभावित कर रही हैं।

उन्होंने तिब्बत की स्थिति और भारत-तिब्बत संबंधों पर विस्तार से बात करते हुए कहा, तिब्बती भाषा, भारत की देवनागरी से प्रेरित है। यह हमारे सदियों पुराने रिश्ते को साबित करती है। तिब्बत में 46,000 ग्लेशियर हैं, जिसे कम लोग जानते हैं। भारत हमेशा तिब्बत का गुरु रहा है और तिब्बत उसका चेला। आज तिब्बत जो भी है, वह भारत की वजह से है। दुनिया में भारत से शक्तिशाली कोई देश नहीं—बस उसे हनुमान जी की तरह अपनी ताकत याद दिलानी है।

उन्होंने कहा कि चीन द्वारा बनाए गए प्रतिबंधों के कारण आज तिब्बत जाने और वहाँ से आने वालों पर कई तरह के अवरोध लगाए जा रहे हैं। तिब्बत के आधुनिक इतिहास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 1950 में चीनी कब्जे की परिस्थिति में परमपावन दलाई लामा ने 17 नवंबर को नेतृत्व ग्रहण किया, जिसकी इस वर्ष 75वीं वर्षगांठ है। उन्होंने 17 सूत्रीय समझौते, चीन के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के प्रयासों तथा बाद में दलाई लामा और हजारों तिब्बतियों के भारत में आगमन का उल्लेख किया। उन्होंने तिब्बती लोकतांत्रिक संस्थाओं के गठन तथा भारत की जनता और सरकार द्वारा दिए गए निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

संजय शुक्ला ने राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग के आगमन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तिब्बत की आजादी सिर्फ तिब्बतियों के लिए ही नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा के लिए भी ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि चीन लगातार भारत के कई शहरों पर दावा कर रहा है, जो भविष्य में खतरा बन सकता है। जापान की तरह लखनऊ वासियों को भी चीन के उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए।क्योंकि 140 करोड़ भारतीयों का पैसा अप्रत्यक्ष रूप से चीन के माध्यम से पाकिस्तान पहुँचकर आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता है।

समारोह के अंत में वाईस चेयरपर्सन सुष्मिता सिंह ने राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग का धन्यवाद करते हुए कहा, “एसआरजीआई परिवार की ओर से हम उनका हार्दिक स्वागत करते हैं और उन्हें दोबारा कैंपस आने के लिए आमंत्रित करते हैं।”