लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश राज्य चैप्टर, पीएचडीसीसीआई ने सोमवार को भारत दर्शन कार्यक्रम के तहत बेलारूस गणराज्य में भारत के राजदूत अशोक कुमार के साथ बैठक का आयोजन किया। यह बैठक पीएचडी हाउस, लखनऊ में हुई, जिसमें पीएचडीसीसीआई के वरिष्ठ सदस्य और कई उद्योगपति शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य आर्थिक सहयोग बढ़ाने, निवेश के नए अवसर समझने और बेलारूस के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर चर्चा करना था।
महामहिम अशोक कुमार ने कहा कि भारत के लिहाज से बेलारूस एक स्ट्रैटेजिक देश है। ऐसे में व्यापार की नजर से यह एक बहुत महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि उत्तर प्रदेश डिफेंस सेक्टर से लेकर फार्मा सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग और मिल्क इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यूपी इन विभिन्न सेक्टर से जुड़े प्रोडक्ट्स को एक्सपोर्ट की दृष्टि से भी तैयार करने पर विचार करे। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह से पेरू देश रूस को एग्जॉटिक फ्रूट से लेकर आम की सप्लाई करता है और रूस आगे इन्हीं आम को बेलारूस को बेचता है जबकि उत्तर प्रदेश देश और दुनिया के सबसे अच्छी क्वालिटी के आम पैदा करता है। ऐसे में बेलारूस में आम एक्सपोर्ट करने की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में केंद्र और राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी से लेकर हवाई कनेक्टिविटी को बेहतर करने पर लगातार काम कर रही है। इसका सभी उद्योगपतियों को लाभ उठाना चाहिए। कन्नौज के इत्र में पेरिस के इत्र बाजार को टक्कर देने की क्षमता है ऐसे में इसके पैकेजिंग से लेकर मार्केटिंग में काम करने की आवश्यकता है। यदि हम इन सभी चीजों को एक्सपोर्ट करते हैं तो यह देश और प्रदेश की जीडीपी में बहुत बड़ा योगदान देगा।
उन्होंने पीएचडीसीसीआई के वरिष्ठ सदस्यों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से निर्माण, एग्रो-प्रोसेसिंग, टेक्नोलॉजी, दवा उद्योग, एमएसएमई और आईटी जैसे क्षेत्रों में उपलब्ध मौकों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही उन्होंने रक्षा और एयरोस्पेस निर्माण, सेमीकंडक्टर तथा डेटा सेंटर जैसे तेजी से बढ़ रहे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं भी साझा कीं। इतना ही नहीं उन्होंने बैठक में शामिल विभिन्न उद्योगपतियों के बेलारूस में वीजा से संबंधित सवालों के भी जवाब दिए।
सदस्यों ने बताया कि पीएचडीसीसीआई इन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार से बातचीत, निवेशक संपर्क कार्यक्रम, उद्योग सरकार के बीच की बातचीत की व्यवस्था और विदेशी निवेशकों को उत्तर प्रदेश के मौकों से जोड़ने का काम कर रहा है।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि भारत और बेलारूस गणराज्य कैसे अपने व्यापार को नए क्षेत्रों में बढ़ा सकते हैं, तकनीक साझा कर सकते हैं और निवेश के लिए बेहतर माहौल बना सकते हैं। प्रतिभागियों ने कहा कि ज्यादा सहयोग से दोनों देशों को नए उद्योगों से जुड़ने और लाभकारी साझेदारी बनाने में मदद मिलेगी।
बैठक की आखिर में पीएचडीसीसीआई के सीनियर रीजनल डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव ने बेलारूस के राजदूत हिज एक्सीलेंसी अशोक कुमार के बेलारूस में डेलिगेशन भेजने के सुझाव पर कहा कि हम निश्चित तौर पर बेलारूस में उद्योगपतियों का एक डेलिगेशन भेजेंगे जो कि व्यापार की नई संभावनाओं को तलाशने के साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग पर भी फोकस करने का काम करेंगे ताकि उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन इकनॉमी बनाने के सपने को साकार किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकें भारत की आर्थिक पहुंच बढ़ाने में मदद करती हैं और प्रदेश के उद्योगों को वैश्विक बाजारों से जोड़ती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दर्शन कार्यक्रम से राजनयिकों को राज्यों में मौजूद नए मौकों की सीधी जानकारी मिलती है।
बैठक का समापन राजदूत के सहयोग और पीएचडीसीसीआई के वरिष्ठ सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद के साथ हुआ। चर्चा ने भारत और बेलारूस गणराज्य के भविष्य के व्यापार और सहयोग को आगे बढ़ाने की सकारात्मक दिशा दी।
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