लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। वर्ष 2025 में भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती होगी। इसी उपलक्ष्य पर सरदार पटेल को सम्मान देते हुए 31 अक्टूबर से 25 नवंबर, 2025 तक ज़िला-स्तरीय पदयात्राएँ आयोजित होंगी। इस पहल का उद्देश्य युवाओं में एकता, देशभक्ति और नागरिक जिम्मेदारी की भावना जगाना, भारत को एकजुट करने और उन्हें ‘एक भारत, आत्मनिर्भर भारत’ के आदर्शों को दैनिक जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
लखनऊ में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, उतर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि सरदार@150 एकता मार्च केवल एक स्मरणोत्सव नहीं है, बल्कि युवाओं को राष्ट्र निर्माण में शामिल करने का एक त्योहार साबित होगा। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरदार@150 एकता मार्च “युवाओं द्वारा और युवाओं के लिए” होगा, जिसकी सभी तैयारियाँ और व्यवस्थाएँ एनएसएस और माई इंडिया के युवा स्वयंसेवकों द्वारा की जाएँगी।
उन्होंने अभियान के विभिन्न चरणों की व्याख्या की तथा जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक प्रत्येक चरण में की जा रही गतिविधियों का विस्तृत विवरण दिया, जिनका उद्देश्य अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करना है।
चरण I: डिजिटल चरण
सरदार@150 एकता मार्च का डिजिटल चरण 6 अक्टूबर, 2025 से शुरू हो गया है। इसमें सोशल मीडिया रील प्रतियोगिताएँ, निबंध लेखन और 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए सरदार@150 यंग लीडर्स प्रोग्राम क्विज़ जैसी गतिविधियाँ शामिल हैें। इस चरण का उद्देश्य देश भर के युवाओं को शामिल करना और उसके बाद होने वाली पदयात्राओं के लिए गति उत्पन्न करना है। दिशानिर्देश और पंजीकरण विवरण MYBharat प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। इन प्रतियोगिताओं के शीर्ष विजेताओं की घोषणा राष्ट्रीय पदयात्रा शुरू होने से पहले, यानी 26 नवंबर को की जाएगी।
चरण II: जिला स्तरीय पदयात्राएँ
इस अभियान का अगला चरण 31 अक्टूबर से 25 नवंबर, 2025 तक आयोजित ज़िला-स्तरीय पदयात्राएँ होंगी। ये पदयात्राएँ प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में लगातार तीन दिनों तक चलेंगी और देश भर के सभी ज़िलों को कवर करते हुए प्रतिदिन 8-10 किलोमीटर की पदयात्राएँ की जाएँगी। प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में राज्य के कैबिनेट मंत्रियों और लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों के नेतृत्व में, ये पदयात्राएँ सड़कों पर सच्चे “लघु भारत” को दर्शाएँगी। जहाँ स्थानीय संस्कृतियों और परंपराओं की समृद्धि प्रदर्शित की जाएगी और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को उजागर किया जाएगा।

इन पदयात्राओं से पहले स्वास्थ्य शिविर, स्वच्छता अभियान, सरदार पटेल के जीवन और दर्शन पर व्याख्यान, एकता और राष्ट्र निर्माण पर युवा परिचर्चाएँ, और नशामुक्त भारत के लिए सामूहिक संकल्प जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी। “माई भारत”, एनएसएस और एनसीसी के स्वयंसेवक इन गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाएँगे। सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों, एथलीटों और प्रमुख विद्वानों को जिला स्तर पर इस पहल का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
पदयात्रा के दौरान, प्रतिभागी सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमाओं और चित्रों पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और आत्मनिर्भर भारत की शपथ लेंगे। एक भारत, आत्मनिर्भर भारत की थीम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, जिसके बाद भागीदारी प्रमाण पत्र वितरित किए जाएँगे। इसके साथ ही, पदयात्रा मार्ग पर मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डालने वाले जागरूकता स्टॉल भी लगाए जाएँगे।
चरण III: राष्ट्रीय स्तर की पदयात्राएँ
राष्ट्रीय स्तर की पदयात्रा 26 नवंबर, 2025 यानी संविधान दिवस से शुरू होकर 6 दिसंबर, 2025 को समाप्त होगी। यह ऐतिहासिक पदयात्रा सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्मस्थली करमसद से शुरू होकर 152 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर समाप्त होगी। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया इस पदयात्रा में शामिल होंगे।
कार्यक्रम-पूर्व गतिविधियों के एक भाग के रूप में, मार्ग के प्रत्येक गाँव में सामाजिक विकास गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी। जिनमें MY भारत के स्वयंसेवक, एनएसएस स्वयंसेवक, एनसीसी कैडेट और युवा नेता सक्रिय रूप से भाग लेंगे। सरदार@150 युवा नेता कार्यक्रम प्रश्नोत्तरी के माध्यम से चुने गए 150 उत्कृष्ट युवा नेताओं का एक समूह, राष्ट्र निर्माण में युवा नेतृत्व के प्रतीक के रूप में, केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के साथ-साथ चलेगा। प्रत्येक पदयात्रा दिवस के अंत में, सरदार गाथा सत्र आयोजित किए जाएँगे। जहाँ प्रख्यात विद्वान पटेल के जीवन की प्रेरक कहानियाँ सुनाएँगे और भारत को एकजुट करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालेंगे।
सभी गतिविधियों के पंजीकरण और विवरण MY Bharat पोर्टल पर Sardar@150 – एकता मार्च पर उपलब्ध हैं। देश भर के युवाओं को इस ऐतिहासिक अभियान में पंजीकरण कराने और सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे अपने दैनिक जीवन और नागरिक जिम्मेदारियों में एक भारत, आत्मनिर्भर भारत के आदर्शों को अपना सकें।