Monday , September 15 2025

सम्मान समारोह संग पुस्तकों के संसार ने ली विदाई, उमड़ी भीड़, बिक्री ने तोड़ा रिकार्ड

22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : समापन 

  • बुक फेयर में बिकीं सवा करोड़ की किताबें
  • याद किये गये गोपाल चतुर्वेदी, शम्भूनाथ, अनूप श्रीवास्तव व विक्रम राव  
  • स्टाल धारक और सहयोगी हुए सम्मानित 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग पर चार सितंबर से जारी 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला लगभग सवा करोड़ रुपए के कारोबार के साथ अगले वर्ष तक के लिये विदा हो गया। मेले के अंतिम दिन रविवार को सर्वाधिक भीड़ रही। वर्षों से पुस्तक मेले में आ रहे पुस्तक प्रेमी दिव्यरंजन ने मेले को अब तक का सबसे खूबसूरत ढंग से सजा मेला बताया। संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि मेले में लगभग सवा करोड़ रुपये की पुस्तकें बिक्रीं।

सत्यापन समारोह में मेला मंच पर राजपाल एंड संस, राजकमल, लोकभारती, वाणी, सामयिक, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रभात, राजकमल, सस्ता साहित्य मण्डल, गौतम बुक, रितेश बुक, हिंदी वांग्मय निधि, याशिका, प्रकाशन संस्थान, शुभि प्रकाशन, दिव्यांश, सेतु प्रकाशन, अदित्रि, विधि बुक आदि प्रकाशकों, वितरकों और ज्योति किरन, यूपी त्रिपाठी आदि सहयोगियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। अंत में निदेशक आकर्ष चंदेल ने आभार व्यक्त किया। 

मेला समिति की ओर से स्मरणांजलि कार्यक्रम में हाल ही में दिवंगत साहित्यिक विभूतियों पूर्व मुख्य सचिव शम्भू नाथ, व्यंग्यकार डा. गोपाल चतुर्वेदी और स्वतंत्र भारत के पूर्व सम्पादक अनूप श्रीवास्तव के व्यक्तित्व कृतित्व पर चर्चा की गयी। पद्मश्री डा. विद्या विंदु सिंह की अध्यक्षता और डा. अमिता दुबे के संचालन में चले कार्यक्रम में डा. सुधाकर अदीब, डीएन लाल, सूर्यकुमार पांडेय, आलोक शुक्ला और संजीव जायसवाल संजय आदि ने अपने संस्मरण भी रखे। 

इसी वर्ष मई में दिवंगत प्रखर पत्रकार आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष रहे डा. के. विक्रम राव की लेखनी और साहित्यिक सफर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। के. विश्वदेव राव, शिल्पी सेन व रजत मिश्रा के संयोजन में चले कार्यक्रम में अभिनेता अनिल रस्तोगी, सूचना आयुक्त दिलीप अग्निहोत्री व पीएन द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार सुधीर मिश्रा, प्रांशु मिश्रा, राजीव श्रीवास्तव, राजकुमार सिंह, डा. सुधा राव, नवलकान्त सिन्हा ने डा. राव के पत्रकार हित में संघर्ष और लेखकीय पक्षों को अपने वक्तव्यों में उजागर किया।

मेला मंच पर आज वाणी प्रकाशन द्वारा चन्द्रशेखर वर्मा के गजल संग्रह घट रही है रोज मेरी चेहरगी पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रताप सिंह ने उन्हें संवेदनशील रचनाकार बताया। आरजे प्रतीक के संचालन में चले कार्यक्रम में चन्द्रशेखर ने अपनी कुछ रचनाएं भी सुनायीं। युवा नृत्यांगना स्नेहा रस्तोगी ने भरतनाट्यम और लोकनृत्य की मोहक प्रस्तुति दी।

इससे पहले सुबह लक्ष्य साहित्यिक संस्था के श्याम मिश्र की अध्यक्षता में चले आयोजन में सोहेल बरेलवी की पुस्तक पर चर्चा हुई। यहां कुंवर कुशमेश, सरोज पाण्डेय शशांक, मनोज बाजपेई, बबर बैसवारी, आलोक सावर, कौसर रिजवी, तारिका सिह, डा.निशा सिंह नवल, डा.ममता पंकज, गोबर गणेश, प्रिया सिंह, दिनेश सोनी, शरद पांडे, अनीता सिंह, महिमा तिवारी, कामिनी श्रीवास्तव, राजेश सिंह, शशि नारायण आदि ने काव्य रचनाएं पढ़ीं।

साहित्यकार संसद व नमन प्रकाशन द्वारा नवीन शुक्ल के संयोजन-संचालन में चले समारोह में अध्यक्षता ओपी मिश्र ने की। काव्य सरिता रामप्रकाश बेखुद, सरवत जमाल, संजय मिश्रा शौक, कृपाशंकर विश्वास, डा. फिदा हुसैन, डा. शोभा दीक्षित, अरविन्द झा, इं. सुनील कुमार वाजपेयी, हर्षिता मिश्र व धीरज मिश्र शांडिल्य ने बहायी। 

शाम को अपूर्वा संस्था के कार्यक्रम में संयोजक संजय हमनवां ने राजेश विद्रोही सम्मान से कमल किशोर भावुक को अलंकृत किया। समारोह में रवींद्र अजनबी, योगेन्द्र योगी, प्रतिभा गुप्ता, कीर्ति वानी, अंकुर पाठक, अमन मिश्रा, विष्णु दुबे, अवरेन्द्र अवस्थी, सेजल वैश्य, निर्भय निश्चल, ओम् शर्मा व वंदना विशेष व कमलेश मौर्य ने काव्य रस बरसाया।