- विदेशी निवेश को गति देने के लिए इन्वेस्ट यूपी और वरिष्ठ राजनयिकों के बीच उच्च-स्तरीय संवाद
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से, इन्वेस्ट यूपी ने सोमवार को भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उच्च-स्तरीय संवाद किया, जो प्रदेश में विदेशी-निवेश लाने के प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
प्रतिनिधिमंडल में 2001 बैच के वरिष्ठ राजनयिक अपूर्वा श्रीवास्तव, भारत की राजदूत, ब्रातिस्लावा, सुजीत घोष (उप-उच्चायुक्त, भारतीय उच्चायोग, लंदन) और राजेश रंजन, भारत के राजदूत, आबिदजान, शामिल थे।

बैठक के दौरान, इन्वेस्ट यूपी की टीम ने राज्य की 34 से अधिक क्षेत्र विशिष्ट प्रगतिशील नीतियों, सुदृढ़ ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (EoDB), बेहतर कनेक्टिविटी, अवस्थापना सुविधाओं के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया। जिसने उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में से एक के रूप में स्थापित किया है।
चर्चा का केंद्र भारतीय दूतावासों और इन्वेस्ट यूपी के बीच सहयोग को मज़बूत कर वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने और प्रदेश में आर्थिक विकास व रोजगार सृजन को गति देने पर रहा।

वैश्विक सहभागिता रणनीति के तहत इन्वेस्ट यूपी ने विदेशी डेस्क (फॉरेन डेस्क) स्थापित किए हैं, जो संभावित निवेशकों की पहचान कर रणनीतिक गठबंधन बढ़ाने और भारतीय दूतावासों और वैश्विक उद्योग संघो के सहयोग से विदेशी निवेश लाने का कार्य कर रहे हैं। यह प्रयास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विज़न के अनुरूप उत्तर प्रदेश $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है। इस लक्ष्य को 34 से अधिक क्षेत्र विशिष्ट नीतियों और प्रोत्साहनो का समर्थन प्राप्त है, जिनमें सेमीकंडक्टर, रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन और विशेष जीसीसी नीति शामिल हैं।
इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने राज्य के प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन ढाँचे को वैश्विक निवेशकों के लिए बड़ा आकर्षण बताते हुए कहा कि वरिष्ठ राजनयिकों के सहयोग से उत्तर प्रदेश को एक पसंदीदा अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थल बनाने में मदद मिलेगी। जिससे राज्य का विकास होगा।