- अखिलेश के सरकार विरोधी बयान पर बिफरे विधायक
- योगी सरकार ने बंद कराया गुण्डा टैक्स : डा. नीरज बोरा
- सपा राज में थी रंगदारी, गुंडागर्दी और कमीशनखोरी : डा. नीरज बोरा
- आठ साल में भाजपा ने नहीं बढ़ाया कोई टैक्स
- व्यापारी हितैषी है डबल इंजन सरकार
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा व्यापारियों के बहाने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किये जाने पर भाजपा नेता एवं विधायक डा. नीरज बोरा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रविवार को प्रेस वार्ता कर विधायक डा. बोरा ने कहा कि डबल इंजन की गति से पटरियों पर दौड़ती विकास की गाड़ी से विपक्ष की नींद उड़ गयी है। यही वजह है कि सपा मुखिया बेसिरपैर की बातें कर रहे हैं वास्तव में वह मानसिक तौर पर चुनाव के पहले ही हार चुके हैं।
विधायक डा. बोरा कहा कि अखिलेश यादव जिस व्यापारी वर्ग की बात आज कर रहे हैं, वही वर्ग 2012 से 2017 के बीच सबसे ज्यादा असुरक्षित और भयभीत था। रंगदारी, गुंडागर्दी और कमीशनखोरी समाजवादी व्यवस्था की रीढ़ थी। अपने शासनकाल में सपा मुखिया ने प्रदेश को “एक जिला एक वसूली भाई“ दिया था, जिसका काम व्यापारियों से धन उगाही कर सपा नेताओं के कोष को भरना था। डा. बोरा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार में आज प्रदेश का व्यापारी वर्ग एमएसएमई नीति, ओडीओपी योजना, इंटरनेशनल ट्रेड शो और उद्योग मित्र जैसी पारदर्शी नीतियों का लाभ उठाकर राज्य के विकास में सहभागी बन रहा है।
आपातकाल को लेकर दिये गये सपा मुखिया के बयान को आड़े हाथो लेते हुए डा. बोरा ने कहा कि संविधान हत्या दिवस पर चुप्पी साध लेने वालों को वैसे तो आपतकाल के विषय में बोलने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन सपा मुखिया जिस आपतकाल की बात कर रहे हैं, डबल इंजन सरकार ने वह आपातकाल सपा सरकार में रंगदारी, गुंडागर्दी और कमीशनखोरी करने वालों पर लगाया है। जिससे समाजवादियों का कोष खाली हो गया है। माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश में आज किसी की हिम्मत नहीं है कि प्रदेश के किसी व्यापारी से गुंडा टैक्स या वसूली कर सके। आज प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाइयां संचालित हैं, जिनमें 2 करोड़ से अधिक लोग कार्यरत हैं और उत्तर प्रदेश देश के एमएसएमई निर्यात में 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ अग्रणी बना हुआ है।
विधायक डा. बोरा ने कहा कि सपा मुखिया को पता नहीं है कि बीते 08 वर्ष में उत्तर प्रदेश में एक भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है। प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की दरें देश में सबसे कम हैं, बावजूद इसके उत्तर प्रदेश राजस्व सरप्लस स्टेट के रूप में समृद्धि के नए सोपान चढ़ता जा रहा है। सपा मुखिया द्वारा बैंक मित्रों को “कमीशन मित्र“ कहना लाखों ईमानदार युवाओं का अपमान है, जिन्होंने इस माध्यम से आत्मनिर्भरता हासिल की है। सपा मुखिया को उत्तर प्रदेश के उत्पादों की बढ़ती मांग से परेशानी है। यही वजह है कि वह अन्य देशों का नाम लेकर स्वदेशी प्रयासों और मेक इन इंडिया अभियान को कमजोर करना चाहते हैं। उन्हें शायद पता नहीं है कि उत्तर प्रदेश आज मोबाइल निर्माण, टेक्सटाइल, ब्रास, कालीन और खिलौना उद्योग में अग्रणी है। जीआई टैग योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के 77 उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल चुकी है।

डा. बोरा ने कहा कि आये दिन पत्रकार वार्ता के माध्यम से अनर्गल प्रलाप करने वाले सपा मुखिया को पिछले आठ वर्षों में हुई उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति के विषय में कुछ पता नहीं है। उनकी जानकारी के लिए बता दें कि उनके शासनकाल यानी वर्ष 2017 में प्रदेश का निर्यात मात्र 80 हजार करोड़ रुपये था, जो आज 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 46 हजार रुपये थी, जो आज बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपये हो गई है। वहीं प्रदेश की जीडीपी 12 लाख 75 हजार करोड़ से बढ़कर 31 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यह प्रगति बेहतर कानून व्यवस्था और सभी समुदायों को समान अवसर देने के कारण संभव हुई है।
उन्होंने कहा कि सपा मुखिया को पता नहीं है कि 08 वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जा चुका है। इसके माध्यम से 60 लाख से अधिक नौजवानों को नौकरी तथा अन्य लाखों लोगों हेतु रोजगार का सृजन हुआ है। फरवरी 2024 में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से 10.11 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों का क्रियान्वयन प्रारम्भ है।
सपा मुखिया को पता नहीं है कि रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के मंत्र के अनुरूप 33 सेक्टोरल पॉलिसीज लागू, सिंगल विडो सिस्टम निवेश सारथी पोर्टल बनाया गया। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत भारत के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विन्डो पोर्टलों में से एक ’निवेश मित्र’ का कार्यान्वयन। उद्यमियों को 43 विभागों की 487 से अधिक ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही है। उद्यमियों से लाइसेंस हेतु प्राप्त आवेदनों की 97 प्रतिशत से अधिक निस्तारण दर के साथ ’निवेश मित्र’ देश में वर्तमान में कार्यरत सबसे कुशल सिंगल विल्डो पोर्टलों में से एक।
विधायक डा. नीरज बोरा ने कहा कि अब तक 12.5 लाख से अधिक स्वीकृतियां डिजिटल रूप से जारी की गई हैं। उद्योगों की सुगमता के लिए 4674 रेगुलेटरी कम्प्लायंस बर्डन को कम किया गया है। सपा के शासनकाल में जब “वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया” का मॉडल चलता था, तब प्रदेश भय, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से कराह रहा था। अब वही उत्तर प्रदेश ‘एक जिला, एक उत्पाद’ के माध्यम से दुनिया के बाजारों में अपनी पहचान बना रहा है। यह कहना कि “पटरियां टूट रही हैं”, एक मानसिक हार का बयान है। असल में, डबल इंजन की गति से पटरियों पर दौड़ती विकास की गाड़ी से विपक्ष की नींदें उड़ गई है। यही वजह है कि सपा मुखिया बेसिरपैर की बातें कर रहे हैं। वास्तव में वह मानसिक तौर पर चुनाव से पहले ही हार चुके हैं।
विधायक डा. बोरा ने कहा कि सपाई वेंडर के हिसाब से टेंडर डिजाइन करवाने वाले सपा मुखिया को आज पारदर्शी व्यवस्था रास नहीं आ रही है, वे उत्तर प्रदेश के व्यापारियों की तरक्की एवं खाली होते अपने कोष को देखकर डर गए हैं। जिनकी सरकार में थानों में रेट कार्ड लटकते थे, वे आज बैंक लोन प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। सपा मुखिया को शायद पता नहीं है कि 2016-17 यानी उनके शासनकाल में बैंकिंग व्यवसाय 12.75 लाख करोड़ था, जो 2024-25 में लगभग 29 लाख 66 हजार करोड़ हो गया है। सीडी रेशियो 2016-17 में यह मात्र 46 प्रतिशत था, जो 2024 में बढ़कर 61 हो गया है। वहीं नए वित्तीय वर्ष में 67 से 70 प्रतिशत का लक्ष्य है।
अखिलेश यादव को पता नहीं है कि वर्ष 2024-2025 में वार्षिक ऋण योजनान्तर्गत द्वितीय त्रैमास तक 2.50 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरण बैंकों के माध्यम से कराया गया है। बैंक व वित्तीय संस्थाओं से प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए फंड आकर्षित करने में 16.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश, देश में शीर्ष स्थान पर है। सपा मुखिया अब यह जान लें कि उत्तर प्रदेश अब बदल चुका है। यहां व्यापारी डर के साये में नहीं, अवसर के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की झूठ की राजनीति अब उस पटरी से उतर चुकी है, जिस पर यूपी की अर्थव्यवस्था पूरी रफ्तार से दौड़ रही है। जिन अखिलेश यादव की राजनीति ही जातियों के वोट जोड़ने से चलती है, उन्हें अब ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का विचार असहज करता है। सपा मुखिया की पूरी राजनीति “जाति बनाम जाति“ पर टिकी है। उनका और उनके जैसे तमाम अन्य नेताओं का उद्देश्य उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन पूरे देश को जातीय संघर्ष की आग में झोंकना है। ये वह लोग हैं, जो आरोपी का धर्म और जाति देखकर उसे बचाने में जुट जाते हैं। उन्हें कथावाचक से कोई मतलब नहीं है, उन्हें बस उसकी जाति देखकर अपनी राजनीति करनी है। वहीं डबल इंजन सरकार में अन्याय की घटना को पीड़ित और दोषी के चश्मे से देखती है।