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1एम1बी के सहयोग से राज्यव्यापी एआई कौशल पहल ’एआई प्रज्ञा’ की शुरुआत

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यव्यापी एआई कौशल पहल ’एआई प्रज्ञा’ की शुरुआत की। इस पहल के कार्यान्वयन भागीदारों में से एक 1एम1बी (1M1B) के साथ यह शुरुआत की गई है। 1एम1बी (एक मिलियन फॉर वन बिलियन) संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त संगठन जो एआई-आधारित कौशल विकास और उद्यमिता पर केंद्रित है। इस संगठन ने मुख्य कार्यान्वयन भागीदारों में से एक के रूप में शुक्रवार को आईटीआई, अलीगंज में पहला एआई प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया।

उद्घाटन सत्र में विशेष सचिव, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा राज्य समन्वयक- ई-गवर्नेंस केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार नेहा जैन, आईटीआई के प्रिंसिपल राम कुमार यादव सहित कई प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। साथ ही छात्र, युवा, सरकारी अधिकारी, संकाय सदस्य और आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, 1एम1बी के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। सत्र का आयोजन ई-गवर्नेंस केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और 1एम1बी द्वारा किया गया। 

इस सत्र में एआई का परिचय, साइबर सुरक्षा और इसके मूल सिद्धांत, हमारे आसपास एआई – स्थानीय और क्षेत्रीय उपयोग के मामले, एआई नैतिकता की समझ और आईटीआई छात्रों के लिए एआई करियर और उभरते अवसर सहित कई विषयों को शामिल किया गया। इस सत्र में आईटीआई-अलीगंज के 120 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। 1एम1बी ’एआई प्रज्ञा’ पहल के हिस्से के रूप में पूरे राज्य में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के एआई कौशल सत्र आयोजित करना जारी रखेगा।

हाल ही में, युवाओं को सशक्त बनाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 के अंत तक 10 लाख नागरिकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और उभरती डिजिटल तकनीकों में प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी कौशल पहल शुरू की है। इस विजन को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने 1एम1बी (वन मिलियन फॉर वन बिलियन) के साथ साझेदारी की है। जो कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन है और जिसे एआई आधारित कौशल विकास और उद्यमिता व अन्य संगठनों में अपने काम के लिए मान्यता प्राप्त है।

नागरिकों को उन्नत एंव फ्यूचर रैडी नौकरियों के लिए तैयार करने के इस मिशन के हिस्से के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 मई 2025 को ’एआई प्रज्ञा’ (संसाधन, जागरूकता, विकास और युवा उन्नति के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रोग्राम) पहल का उद्घाटन किया था। यह कार्यक्रम एआई, मशीन लर्निंग, डेटा ऐनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा जैसी प्रमुख तकनीकों में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें कई अन्य प्रमुख संगठनों के साथ सहयोग शामिल है।

उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष सचिव, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा ई-गवर्नेंस केंद्र की राज्य समन्वयक सुश्री नेहा जैन ने कहा, ’’एआई प्रज्ञा एक परिवर्तनकारी कार्यक्रम है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में जागरूकता और कौशल का निर्माण करके हमारे राज्य के युवाओं को सशक्त बनाएगा। मैं सभी छात्रों को इन सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लेने और इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ – भविष्य एआई का है।’’ उन्होंने साइबर सुरक्षा के बढ़ते महत्व पर भी जोर दिया और छात्रों से डिजिटल युग में चुनौतियों के लिए सूचित और तैयार रहने का आग्रह किया।

यह कार्यक्रम विविध पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को—केवल इंजीनियरिंग छात्रों को नहीं, बल्कि कला, शिक्षा और सरकारी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को भी—AI अपनाने और अपने-अपने क्षेत्रों में आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगा। इस साझेदारी के माध्यम से हमारा उद्देश्य हजारों युवाओं को ऐसे कौशल, सोच और उपकरणों से लैस करना है, जिससे वे एक बेहतर भविष्य के लिए नवाचार कर सकें।”

यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाया गया एक साहसिक कदम है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके नागरिक डिजिटल अर्थव्यवस्था की उभरती मांगों के लिए तैयार रहें और राज्य को भारत में एक अग्रणी प्रौद्योगिकी और प्रतिभा केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके।