लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। 1952 से ही हम समाज में सेवा और संस्कार देने का कार्य कर रहे हैं। 1978 आते – आते विद्याभारती अखिल भारती शिक्षा संस्थान के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका था। यह बात आज पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र तथा नेपाल के शिक्षा सेवा संयोजक योगेश ने सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे पंच दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में कही। कार्यक्रम का संचालन सुरेश मणि सिंह किया और अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य संतोष कुमार सिंह ने कराया।

पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में विद्या भारती द्वारा चल रहे संस्कार केंद्रों के संचालकों व संचालिकाओं के प्रशिक्षण वर्ग का औपचारिक शुभारंभ गुरुवार को हुआ। मां सरस्वती की वंदना के उपरांत मुख्य अतिथि योगेश का स्वागत श्रीफल व अंगवस्त्र भेंटकर किया गया।

स्लम तथा चुनौती पूर्ण क्षेत्रों में शिक्षा तथा धन के अभाव का फायदा उठाकर इस्लाम तथा ईसाई धर्म में परिवर्तन करने को, विद्याभारती ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया और पूरे देश में संस्कार केंद्र के माध्यम से उस भारतीय वंचित और शोषित समाज को शिक्षित और संस्कारित करने का सेवा कार्य करने लग गई। मलिन बस्तियों में प्रतिदिन 2 घंटे सेवा कार्य कर अपने भाई बंधुओं को मुख्य धारा में लाने हेतु 60000 अनौपचारिक शिक्षा केंद्रों के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय सह संयोजक राघव कुमार पांडेय, प्रांत सेवा प्रमुख सुरेश मणि सिंह, प्रांतीय परीक्षा प्रमुख अवधेश कुमार सिंह तथा प्रधानाचार्य संतोष कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित थे।