वाहन चालकों को सशक्त बना रहा ऑल्ट मोबिलिटी का ‘चालक से मालिक’ EV लीज़िंग मॉडल

नई दिल्ली (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। एकीकृत EV लीज़िंग और एसेट मैनेजमेंट कंपनी ऑल्ट मोबिलिटी ने अपने इनोवेटिव ड्राइव टू ओन (DCO) मॉडल के माध्यम से ड्राइवरों के जीवन को बदलना शुरू कर दिया है। यह पहल न केवल ड्राइवर-पार्टनर्स को वाहन स्वामित्व का अधिकार दिला रही है, बल्कि भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को गति देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

यह मॉडल विशेष रूप से उन ड्राइवरों के लिए तैयार किया गया है जो पारंपरिक वित्तीय संस्थानों की पहुंच से बाहर रहे हैं। ऑल्ट के इस लीज मॉडल के तहत, ड्राइवर अब महंगे डाउन पेमेंट और जटिल कागजी कार्यवाही के बिना इलेक्ट्रिक वाहन का स्वामित्व प्राप्त कर सकते हैं। ₹21,000 से शुरू होने वाली न्यूनतम डाउन पेमेंट के साथ, यह योजना वाहन के सर्विसिंग, मेंटेनेंस, बीमा और फिटनेस नवीकरण सहित सभी खर्चों को कवर करती है। 

आमतौर पर ये अप्रत्याशित खर्च ड्राइवरों और फ्लीट मालिकों के लिए वित्तीय और संचालन संबंधी जोखिम पैदा करते हैं, जिससे वे वाहन खरीदने से कतराते हैं। ऑल्ट का यह मॉडल इन जोखिमों का बोझ अपने ऊपर लेकर वाहन स्वामित्व को पूरी तरह झंझट-मुक्त बनाता है। ड्राइवर केवल वाहन चलाने और चार्ज करने पर ध्यान केंद्रित करता है, बाकी सब ऑल्ट द्वारा संभाला जाता है।

ऑल्ट मोबिलिटी के सह-संस्थापक और CEO देव अरोड़ा ने कहा, “हमारे अधिकांश ड्राइवर या तो किराए पर वाहन चलाते हैं या किसी फ्लीट मालिक के लिए ड्राइवर के रूप में काम करते हैं। इनमें से अधिकतर की कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती और वे पहली बार वाहन खरीदने वाले होते हैं। ऐसे में पारंपरिक बैंक या NBFC से लोन मिलना लगभग असंभव होता है। हम उन्हें वह अवसर देते हैं जिसका वे केवल सपना देखते हैं—अपना खुद का वाहन। हम मानते हैं कि वाहन एक आय उत्पन्न करने वाला साधन है, और हमारा उद्देश्य है हर चालक को उसका मालिक बनाना।”

ऑल्ट ने केवल वाहन उपलब्ध कराने तक ही सीमित न रहते हुए, कई कार्गो एग्रीगेटर कंपनी्स के साथ साझेदारी की है, जो ड्राइवरों को न्यूनतम मासिक आय की गारंटी देते हैं। जब ड्राइवर स्वयं के वाहन के मालिक बनते हैं और उन्हें इन कंपनी्स से जोड़ दिया जाता है, तो उनकी मासिक आमदनी में 3 से 4 गुना तक की वृद्धि होती है। स्थिर आय के चलते वे न केवल समय पर लीज़ भुगतान कर पाते हैं, बल्कि अपनी मासिक कमाई और खर्चों का संतुलन भी आसानी से बनाए रखते हैं। कई ड्राइवर ₹1 लाख प्रति माह से अधिक की कमाई कर रहे हैं। यह परिवर्तन सिर्फ ड्राइवर की आय तक सीमित नहीं है—बल्कि उनके पूरे परिवार के जीवन में बदलाव ला रहा है, चाहे वह बच्चों की बेहतर शिक्षा हो, बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल, या एक पक्का घर बनाना।

दिल्ली सरकार ने हाल ही में ड्राफ्ट दिल्ली EV पॉलिसी 2.0 जारी की है, जिसके अनुसार अगस्त 2025 से दिल्ली में किसी भी नए CNG या पेट्रोल आधारित थ्री-व्हीलर का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। केवल इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स को ही पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी। यह निर्णय राजधानी में लास्ट और मिड-माइल लॉजिस्टिक्स की पूरी तस्वीर को बदल सकता है।

अरोड़ा ने आगे कहा, “दिल्ली की यह नयी EV नीति सिर्फ एक सरकारी निर्देश नहीं, बल्कि एक जीवन बदलने वाला अवसर है। हमारा कंपनी हजारों ड्राइवरों को इस हरित क्रांति में भागीदार बनने का मौका देता है – उपभोक्ता के रूप में नहीं, बल्कि उद्यमी के रूप में।”

श्रवण कुमार (DCO ड्राइवर) कहते हैं कि “कभी सोचा नहीं था कि अपनी ख़ुद की गाड़ी का मालिक बन पाऊँगा। ऑल्ट ने आसान लीज़ और बिना किसी झंझट के वो सपना पूरा कर दिया। आज मैं अपनी मेहनत से घर चला रहा हूँ, किश्त दे रहा हूँ, और इज़्ज़त की कमाई कर रहा हूँ। आपने सिर्फ़ एक इलेक्ट्रिक गाड़ी ही नहीं दी, बल्कि रोज़गार और आत्मसम्मान दिया।”

वित्त वर्ष 2025 तक, ऑल्ट मोबिलिटी देश के 30 से अधिक शहरों में 13,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को लीज पर दे चुका है। मजबूत तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ, कंपनी 24×7 वाहन और बैटरी की निगरानी, प्रीडिक्टिव मेंटेनेंस अलर्ट और उच्च अपटाइम सुनिश्चित करती है—जिससे हर DCO की आमदनी के साथ-साथ फ्लीट मालिक और बिज़नेस की लॉजिस्टिक एफिशिएंसी भी बढ़ती है।