लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। एमबीडी ग्रुप के प्रमुख एडटेक प्लेटफॉर्म आशोका ने ₹100 करोड़ का आकड़ा पार करते हुए K-12वीं तक की शिक्षा में अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज कराई। इस ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा एक कार्यक्रम में की गई। जिसमें एमबीडी ग्रुप की चेयरपर्सन सतीश बाला मल्होत्रा, प्रबंध निदेशिका मोनिका मल्होत्रा कंधारी, संयुक्त प्रबंध निदेशिका सोनिका मल्होत्रा कंधारी और आशोका के सीईओ प्रवीन सिंह मौजूद रहे।
इस अवसर पर आशोका की प्रेरणादायक यात्रा को साझा किया गया। 2022 में 300 स्कूलों और ₹10 करोड़ की आय से शुरुआत करके, अब 4,000 से अधिक स्कूलों के साथ साझेदारी करके, 9.5 लाख विद्यार्थियों और 80,000 शिक्षकों को सशक्त बनाकर केवल चार वर्षों में ₹100 करोड़ तक पहुँचना इस पहल की गंभीरता और तत्परता को दर्शाता है। एक मिशन के रूप में शुरू हुआ यह अभियान अब एक आंदोलन बन चुका है। आशोका कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से अरुणाचल तक अब भारत के हर कोने में अपनी पहुँच बना चुका है। इसके साथ ही यह अब मिडिल ईस्ट और दक्षिण अफ्रीका जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जड़ें जमा रहा है। आशोका ने अगले तीन वर्षों में 20,000 स्कूलों को अपने साथ जोड़ने का संकल्प लिया है।
आशोका केवल तकनीक को कक्षा में लाने का कार्य ही नहीं कर रहा है, अपितु यह बच्चों के सीखने के अनुभव को नए आयाम दे रहा है। AASOKA WizKids जैसे टूल्स बच्चों में कम उम्र से ही जिज्ञासा को जन्म दे रहे हैं, और उन्हें बिना स्क्रीन के साक्षरता, गणित, और कोडिंग जैसे मूलभूत कौशल सिखा रहे हैं। स्क्रीनलेस कोडिंग बॉट और टैक्टाइल लर्निंग किट्स बच्चों के लिए सीखने को सहज और आनंददायक बनाते हैं।
AASOKA AI STEAM Lab एक आश्चर्यजनक प्लेटफार्म है, जहाँ आठ वर्ष और उससे अधिक आयु के छात्र रोबोटिक्स, 3D डिज़ाइनऔर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में पढ़ते और समझते हैं। यह अपने पाठ्यक्रम के अनुरूप प्रैक्टिकल किट्स के माध्यम से बच्चों में अन्वेषण करने और रचनात्मक कौशल को भी बढ़ावा देता है। यह प्रयोगात्मक लर्निंग छात्रों को सिर्फ परीक्षा ही नहीं, भविष्य के लिए भी तैयार करती है।
NEP 2020, NCF-FS और NCF-SE फ़्रेमवर्क को एकीकृत करके और CBSE, ICSE एवं विभिन्न राज्य बोर्डों का समर्थन करके आशोका यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी बच्चा पीछे न छूटे।
शिक्षकों को तैयार पाठ योजनाएँ और प्रशिक्षण कार्यक्रम मिलते हैं, जिससे उन्हें आत्मविश्वास के साथ डिजिटल निर्देशों को अपनाने में मदद मिलती है। छात्र प्रोजेक्ट आधारित और मल्टीमीडिया युक्त सामग्री से जुड़ते हैं। स्कूल लीडर्स को संचालन में सहूलियत मिलती है और अभिभावकों को रियल टाइम अपडेट्स मिलते हैं।
चेयरपर्सन सतीश बाला मल्होत्रा ने कहा, “आशोका हमारे संस्थापक अशोक कुमार मल्होत्रा की सोच को समर्पित है, जिनका विश्वास था कि शिक्षा में परिवर्तन की शक्ति है। उन्होंने जीवन भर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए काम किया और वही प्रेरणा हमारे हर कदम में शामिल है। आशोका के साथ, हम छात्रों और शिक्षकों दोनों को सशक्त बनाने वाले योग्य शिक्षण अनुभव प्रदान करके उनकी विरासत को आगे बढ़ाने हेतु प्रयासरत हैं।”
प्रबंध निदेशिका मोनिका मल्होत्रा कंधारी ने कहा,
“आशोका एक सहज, ऑल-इन-वन समाधान है जो स्कूलों की ज़रूरतों को समझकर हर स्तर पर उन्हें समर्थन देता है। इसके AI-enabled असेसमेंट्स और इंटरेक्टिव टूल्स विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों सभी को साथ लेकर चलते हैं। आशोका की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे हर स्कूल की आवश्यकता के अनुसार पूर्णतः कस्टमाइज़ किया जा सकता है। आशोका यह सुनिश्चित करता है कि हर सीखने का अनुभव छात्रों और शिक्षकों की विशिष्ट ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया हो।”
संयुक्त प्रबंध निदेशिका सोनिका मल्होत्रा कंधारी ने कहा, “आशोका शिक्षा को अधिक सुलभ, दिलचस्प और भविष्य के अनुकूल बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह वही सोच है जो हमारे हॉस्पिटैलिटी और रिटेल सेक्टर्स में भी झलकती है यानी लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव छोड़ने की। एमबीडी ग्रुप में, हमारा एकीकृत दृष्टिकोण उद्देश्य-संचालित प्रगति के माध्यम से कक्षाओं, अतिथि अनुभवों और रोज़मर्रा की बातचीत में भी लोगों के जीवन को सशक्त बनाना है।”
आशोका के सीईओ प्रवीन सिंह ने कहा, “हमने आशोका को केवल एक कंटेंट प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक संपूर्ण लर्निंग ईकोसिस्टम के रूप में तैयार किया है। जो भी समस्या हम हल करते हैं — चाहे वह लर्निंग गैप हो, क्लासरूम एंगेजमेंट हो या स्कूल मैनेजमेंट — वह शिक्षकों की बात सुनकर शुरू होती है। हम जब नए क्षेत्रों में विस्तार करते हैं, तो हमारा उद्देश्य सिर्फ संख्याओं में आगे बढ़ना नहीं, बल्कि हर विद्यार्थी, शिक्षक और स्कूल के लिए सार्थक परिणाम लाना होता है।”