- ब्रेस्ट कैंसर उपचार में ऐक्ज़िलरी रेडिएशन थेरेपी पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा
नोएडा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. अनुशील मुंशी को प्रतिष्ठित सेंट गैलेन इंटरनेशनल ब्रेस्ट कैंसर कॉन्फ्रेंस (वियना) में आमंत्रित किया गया, जहाँ उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। डॉ. मुंशी इस वैश्विक मंच पर भारत से आमंत्रित होने वाले एकमात्र विशेषज्ञ थे, जिन्होंने विश्वभर के कैंसर विशेषज्ञों के साथ मिलकर स्तन कैंसर के असरदार इलाज के लिए ग्लोबल गाइडलाइंस तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्तन कैंसर महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है, भले ही इलाज की रणनीतियाँ लगातार मरीजों के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए विकसित हो रही हों। स्तन कैंसर के उपचार में एक महत्वपूर्ण तरीक़ा ऐक्ज़िलरी रेडिएशन थेरेपी है, जो विशेष रूप से उन मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहां कैंसर लिम्फ नोड्स तक फैल जाता है। ऑन्कोलॉजिस्ट के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि वे बीमारी का प्रभावी इलाज करें और साथ ही साइड इफ़ेक्ट्स को भी कम करें, ताकि मरीजों को बेहतर ज़िंदगी मिल सके।
इस सम्मेलन में, डॉ. मुंशी ने स्तन कैंसर मरीजों में ऐक्ज़िला मैनेजमेंट पर एक व्याख्यान दिया और रेडिएशन थेरेपी को ज़्यादा असरदार बनाने की रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने खासतौर पर उन तरीकों के बारे में बात की जिनसे कीमोथेरेपी ले चुके मरीजों के लिए साइड इफ़ेक्ट्स को कम किया जा सकता है।

इसके अलावा, डॉ. मुंशी सेंट गैलेन कंसेंसस वोटिंग पैनल का भी हिस्सा रहे, जो विश्व स्तर पर स्तन कैंसर के इलाज के मानकों को निर्धारित करने वाला एक प्रतिष्ठित मंच है। उनकी भागीदारी भारतीय ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञता के वैश्विक चिकित्सा मंच पर बढ़ते असर की मिसाल है।
इस प्रतिष्ठित मंच का हिस्सा बनने पर अपने विचार साझा करते हुए, डॉ. मुंशी ने कहा, “इस सम्मानित फोरम में भारत से एकमात्र आमंत्रित फैकल्टी होने का अवसर मिलना न केवल एक सौभाग्य की बात है बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। सेंट गैलेन में हुई चर्चाएं स्तन कैंसर के इलाज के भविष्य को बेहतर करेंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि मरीजों को सर्वोत्तम संभव देखभाल मिले।”
डॉ. मुंशी का इस सम्मेलन में योगदान न केवल स्तन कैंसर उपचार को आगे बढ़ाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक ऑन्कोलॉजी समुदाय में भारत की सशक्त भागीदारी को भी मजबूत करता है।