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भारतीय तिथि और पर्यावरण के लिए हमें आन्दोलन के रूप में कार्य करना होगा : डा. अनीता भटनागर

नववर्ष चेतना समिति की तरफ से आयोजित दो दिवसीय हिन्दू नववर्ष का समापन

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। नववर्ष चेतना समिति तथा श्री श्याम परिवार के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दू नववर्ष महोत्सव का खाटू श्याम मन्दिर परिसर में रविवार को समापन हुआ। दीप प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव कार्यक्रम एवं राम कहानी की शुरुआत करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस डा. अनीता भटनागर जैन ने कहा कि भारतीय नववर्ष पर शुभकामनाएं देना पर्याप्त नहीं है। नई चेतना कहाँ से आएगी जब तक पर्यावरण का ध्यान हम सभी नहीं देंगे। 

उन्होंने कहा कि धरती व गंगाजी को हम माँ मानते हैं परन्तु उनको बचाने के लिए हम क्या कर रहे हैं? क्या हम अपने दायित्व निभाएंगे, क्या हम प्लास्टिक का प्रयोग बन्द करेंगे? प्रदूषण के रूप में जो हम फैला रहे हैं उसके बचाव के लिए क्या वायु प्रदूषण कम करेंगे? इसका मतलब है कि हम अपने को समाधान का हिस्सा नहीं मानते हैं, सबको आगे आना पड़ेगा, भारतीय तिथि और पर्यावरण को लेकर हमें समाज के साथ आन्दोलन के रूप में काम करना होगा। वही नववर्ष की असली शुभकामना होगी, वैसे शुरुआत हो गई है।

समारोह की विशिष्ट अतिथि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय लखनऊ की राजयोग शिक्षिका ब्रह्मकुमारी राधा बहन ने कहा कि राम कथा हम सभी सुनते हैं, राम राज्य लाने के लिए उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारना होगा। रामचन्द्र जी की महिमा तो हम वर्षों से गाते चले आ रहे हैं परन्तु नये वर्ष में उसको स्थापित करने के लिए क्या कर रहे हैं। श्रीराम के चरित्र की परिकल्पना करते हुए उसकी स्थापना के लिए हमें सृष्टि की उत्तम व्यवस्था पर कार्य करना होगा।

विशिष्ट अतिथि सेंट जोसेफ स्कूल की अध्यक्ष पुष्पलता अग्रवाल ने परिवारों को भारतीय तिथि को अपने जीवन में उतारने और दिनचर्या का हिस्सा बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहाकि हमारी पीढ़ियों को सुखी और सम्पन्न बनाना है तो भारतीय तिथियों के अनुसार सभी कार्यों को निष्पादित करने होंगे। जब भी कहीं भारतीय नववर्ष व भारतीय तिथि की चर्चा होती है तो हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य आयकर आयुक्त ऊषा गुप्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समाज में विद्रूप हो रही स्थितियों को यदि बचाना है तो सभी को संस्कारवान बनाना होगा। पाश्चात्य संस्कृति ने हमारे अपने देश में वर्षों पहले घेरा बनाया जिससे बहुत क्षरण हुआ है, चैतन्य होकर अपने संस्कारों को वापस स्थापित करना होगा।

समिति की संरक्षिका रेखा त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय काल गणना प्रणाली तथा विक्रम संवत आधारित हिन्दू पांचांग के महत्व को जन सामान्य तक पहुँचाने और भारतीय संस्कृति की जड़ों को सुदृढ़ करने के लिए विगत 16 वर्षों से सतत् नववर्ष का आयोजन किया जा रहा है।

कथा रंग फाउण्डेशन की पुनीता अवस्थी की टोली ने राम कहानी की प्रस्तुति दी। हरि अनन्त हरि कथा अनंता, कहहि सुनहिं बहु विधि सब संता… सीता स्वयंवर की गीत प्रस्तुत किया, श्री रघुवर कोमल कमल नयन को पहनाओ जयमाला… की प्रस्तुति भी दी।

समापन समारोह में समिति के अध्यक्ष डा. गिरीश गुप्ता और अन्य पदाधिकारियों ने सभी आगंतुकों को सम्मानित किया। समिति के सचिव डा. सुनील अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. एसपी सिंह, अजय सक्सेना, राधेश्याम सचदेवा, रंजना द्विवेदी, डॉ. हरेंद्र श्रीवास्तव, भारत सिंह, रामस्वरूप यादव, एसके त्रिपाठी, अरुण कुमार मिश्र, दीपक अग्रवाल, कुमार गुंजन अग्रवाल, कमलेन्द्र मोहन, रघुराज शर्मा, निवेदिता रस्तोगी, राजेश कुमार, सुशील सहाय, सुमित तिवारी, शेषनाथ सिंह, श्याम जी, गोपाल जी, सुमित तिवारी, डॉ. संगीता शुक्ला, धर्मेंद्र अस्थाना, डा. हरमेश चौहान प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।