- मरीज को थी गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस, अचानक कार्डियक अरेस्ट और क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD), जिससे प्रक्रिया बनी बेहद चुनौतीपूर्ण
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉक्टरों ने 61 वर्षीय महिला मरीज का जीवन बचाने में सफलता प्राप्त की। मरीज को क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) थी और वह पिछले दो साल से मेंटनेंस डायलिसिस पर थीं। वह हमारे पास मैक्स हॉस्पिटल, लखनऊ में 13 जनवरी 2025 को भर्ती हुईं। उन्हें गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस (हृदय की एओर्टिक वाल्व का सिकुड़ जाना) भी था, जिसके कारण डायलिसिस के दौरान उनका ब्लड प्रेशर (बीपी) बार-बार गिर जाता था, जिससे इलाज बेहद मुश्किल हो गया था। इस स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) करने का फैसला किया, जो एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है।
हालांकि, प्रक्रिया के दौरान मरीज को अचानक कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति रुकना) हुआ, जिससे स्थिति बेहद नाजुक हो गई। लेकिन मैक्स हॉस्पिटल की अनुभवी मेडिकल टीम ने तुरंत सीपीआर देकर उनकी जान बचाई और सफलतापूर्वक प्रक्रिया को पूरा किया।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के एसोसिएट डायरेक्टर एवं यूनिट हेड, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, डॉ. अम्बुकेश्वर सिंह ने बताया, “यह मामला बेहद जटिल था क्योंकि मरीज को कई गंभीर बीमारियाँ थीं। वह डायलिसिस पर थीं और साथ ही एओर्टिक स्टेनोसिस से भी पीड़ित थीं। हृदय की इस स्थिति को संभालते हुए, हमने उनकी किडनी को सपोर्ट करने के लिए कंटीन्यूअस रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (सीआरआरटी) भी दी। इस मामले में काफ़ी जोख़िम था, लेकिन हमारी टीम ने सफलता के साथ इसे पूरा किया, जिससे मरीज का हृदय सामान्य रूप से काम करने लगा।”
इस सफल प्रक्रिया ने न केवल इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में हो रही प्रगति का प्रमाण है, जिससे मैक्स हॉस्पिटल, लखनऊ की विशेषज्ञ टीम की दक्षता भी साबित होती है। डॉक्टरों की मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच और तेज़ी से हस्तक्षेप ने मरीज़ की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मरीज़ को 21 जनवरी 2025 को पूरी तरह स्थिर होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यह सफलता मैक्स हॉस्पिटल, लखनऊ में बेहतरीन चिकित्सा एवं उपचार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
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