उपराष्ट्रपति ने किया गोपीचंद हिंदुजा द्वारा संकलित पुस्तक “आई एम?” का विमोचन


   
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में एक भव्य समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज प्रसिद्ध व्यवसायी और हिंदुजा समूह के अध्यक्ष गोपीचंद पी. हिंदुजा द्वारा संकलित पुस्तक “आई एम?” का विमोचन किया। इस समारोह में राजनयिक समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ राजनीतिक और व्यावसायिक वर्गों के नेताओं का एक प्रतिष्ठित समूह उपस्थित था।

इस अवसर पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “यह वास्तव में एक अनूठा क्षण है। श्री गोपीचंद पी. हिंदुजा द्वारा लिखित’आई एम?’ का विमोचन एक विचारोत्तेजक और विचारोत्तेजक पुस्तक है। सनातन की भूमि भारत में हो रहा यह विमोचन, सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक और वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र का उद्गम स्थल है, जिसका गहरा महत्व है। यह पुस्तक भारतीयता की सार्वभौमिक प्रासंगिकता को रेखांकित करती है, जो सभी धर्मों में विद्यमान सद्गुण है। हम धर्मांतरण के प्रलोभन के बिना दूसरों के सत्य का सम्मान और सराहना कर सकते हैं।

हिंदुजा ग्रुप ऑफ कंपनीज (इंडिया) के चेयरमैन अशोक पी. हिंदुजा ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “अपनी सनातन परंपराओं को बनाए रखते हुए कई भौगोलिक क्षेत्रों में अलग-अलग संस्कृतियों को अपनाना हमेशा से हमारे परिवार के लिए जीवन का एक तरीका रहा है। हमारे व्यवसाय इसलिए फले-फूले हैं क्योंकि बहु सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना हमारे लिए आस्था का विषय रहा है। जीपी अक्सर सोचते थे कि अगर धर्म किसी की आध्यात्मिकता को खोजने का एक कदम है तो ‘जो एकजुट करने वाला है’ वह कैसे विभाजन पैदा करता है? इस विषय पर विभिन्न आध्यात्मिक गुरुओं, बुद्धिजीवियों और विश्व नेताओं के साथ बातचीत से प्रेरित होकर, जीपी ने युवा पीढ़ी के लिए इस पुस्तक को संकलित करने के लिए बाध्य महसूस किया। ताकि उन्हें सकारात्मक रूप से मदद मिल सके और उन्हें वैश्वीकृत और परस्पर जुड़ी दुनिया में आगे बढ़ने के लिए प्रभावित किया जा सके।”