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फोर्टिस नोएडा : रोबोटिक सर्जरी के द्वारा गर्भाशय से सफलतापूर्वक निकाले गए 26 फाइब्रॉइड्स

  • 4 घंटे तक चली सर्जरी और 6 दिनों में स्वस्थ मरीज़ की छुट्टी
  • जटिल चुनौतीपूर्ण मामलों में रोबोटिक सर्जरी सुरक्षित विकल्प

नोएडा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ मामले में 34 वर्षीय महिला के गर्भाशय से 26 फाइब्रॉइड्स सफलतापूर्वक हटाए। महिला पिछले दो महीनों से अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव और पेट दर्द से परेशान थी। डॉ. अंजना सिंह (निदेशक और एचओडी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, फोर्टिस अस्पताल, नोएडा) की अगुवाई में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने यह सर्जरी की। यह रोबोटिक तकनीक से की गई एडवांस सर्जरी थी। सर्जरी 4 घंटे तक चली, और मरीज को 6 दिन बाद स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

अस्पताल में भर्ती होने पर मरीज को अत्यधिक पेट दर्द की शिकायत थी। एमआरआई रिपोर्ट में पता चला कि महिला का गर्भाशय सामान्य आकार (7 सेमी) से चार गुना बड़ा (28 सेमी) हो गया था और उसमें 26 फाइब्रॉइड्स थे। इन फाइब्रॉइड्स का आकार 6-10 सेमी था। रिपोर्ट के आधार पर मरीज के लिए रोबोटिक मायोमेक्टमी (गर्भाशय फाइब्रॉइड्स को हटाने की एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया) प्लान की गई। सर्जरी के दौरान पाया गया कि महिला का पूरा गर्भाशय फाइब्रॉइड्स से भरा हुआ था। रोबोटिक तकनीक की मदद से सभी फाइब्रॉइड्स को एक-एक करके निकाला गया और गर्भाशय में हुए छिद्रों को सटीकता से टांके लगाए गए।

सर्जरी के बारे में बताते हुए डॉ. अंजना सिंह ने कहाकि
“गर्भाशय फाइब्रॉइड्स धीमी गति से बढ़ने वाले बिनाइन ट्यूमर होते हैं, लेकिन इतने बड़े और इतने अधिक फाइब्रॉइड्स दुर्लभ मामलों में ही देखने को मिलते हैं। खासतौर पर यह समस्या अफ्रीकी महिलाओं में अधिक पाई जाती है। इस केस में चुनौती यह थी कि सभी फाइब्रॉइड्स को हटाते हुए गर्भाशय को उसकी सामान्य स्थिति में लाना था, क्योंकि मरीज अविवाहित थी और भविष्य में गर्भधारण की योजना बना सकती थी। सर्जरी से पहले हमने एमआरआई और 3डी अल्ट्रासाउंड की मदद से फाइब्रॉइड्स का नक्शा तैयार किया। मरीज के खून की कमी को आयरन सप्लीमेंट्स के जरिए बढ़ाया गया और ऑपरेशन के लिए अतिरिक्त खून भी तैयार रखा गया।

मरीज के गर्भाशय का आकार बहुत बढ़ गया था, जिससे सर्जरी चुनौतीपूर्ण हो गई थी। हालांकि, रोबोटिक तकनीक के इस्तेमाल से फाइब्रॉइड्स को सटीकता से हटाया गया। साथ ही, खून के बहाव को नियंत्रित रखने और गर्भाशय को लगभग सामान्य आकार में लाने में सफलता मिली। अगर यह सर्जरी समय पर नहीं होती, तो फाइब्रॉइड्स का आकार और संख्या बढ़ सकती थी। रोबोटिक तकनीक से सर्जरी न होने की स्थिति में मरीज को बड़ा चीरा लगाना पड़ सकता था और गर्भाशय खोने का जोखिम हो सकता था। इस रोबोटिक सिस्टम की 10x मैग्निफाइड विजन और कलाई जैसी क्षमता वाले सटीक उपकरणों की वजह से हमने जटिल संरचनाओं को सुरक्षित रखा और मरीज को बेहतर परिणाम मिले।”

फोर्टिस नोएडा के जोनल डायरेक्टर, मोहित सिंह ने कहा, “यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण मामला था। ऐसे मामलों में यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि मरीज को एक ऐसे मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में ले जाया जाए, जहां बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। फोर्टिस नोएडा में हमारी रोबोटिक सर्जरी प्रोग्राम की टीम पूरी तरह से सक्षम है और ऐसे जटिल मामलों को सफलतापूर्वक संभालने का अनुभव रखती है।”