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उत्तर प्रदेश ने WEF दावोस 2025 में पेश किया $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का खाका

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उत्तर प्रदेश की डिजिटल क्रांति और निवेश प्रयासों की सराहना की

दावोस (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विश्व आर्थिक मंच (WEF) के दावोस 2025 सम्मेलन में उत्तर प्रदेश ने अपनी आर्थिक शक्ति और निवेश संभावनाओं को प्रमुखता से प्रदर्शित किया। राज्य ने $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को वैश्विक निवेशकों के सामने प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने कृषि, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए व्यापक प्रयास किए।

केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उत्तर प्रदेश के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देकर निवेशकों को अनुकूल वातावरण प्रदान किया है। उन्होंने दावोस में निवेशकों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में विकसित हो रहे विश्वस्तरीय डेटा सेंटर्स, डिजिटल हाईवे और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के महत्व को उजागर किया।

दावोस में उत्तर प्रदेश के पवेलियन ने कई बड़े निवेश समझौतों को आकर्षित किया। इनमें कोका-कोला का ₹2500 करोड़ का निवेश, सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल प्लांट के लिए एएम ग्रीन्स का ₹6000 करोड़ का प्रोजेक्ट और हाइपर-स्केल डेटा सेंटर्स के लिए लॉफ्टसलेन का ₹6000 करोड़ का निवेश प्रमुख हैं। इसके अलावा, सिफी टेक्नोलॉजीज ने नोएडा में ₹7000 करोड़ की लागत से डेटा सेंटर और लखनऊ में ₹1000 करोड़ की लागत से एआई हब स्थापित करने की घोषणा की।

अश्विनी वैष्णव ने उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच मजबूत साझेदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि रेलवे, 5जी नेटवर्क विस्तार और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल पहुंच को सुदृढ़ करने में उत्तर प्रदेश ने बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि राज्य की बिजनेस-फ्रेंडली नीतियां और औद्योगिक माहौल देश और विदेश के निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।

दावोस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य की ताकत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश ने न केवल निवेश के नए अवसर सृजित किए बल्कि भारत की प्रगति में अपनी भूमिका को भी स्पष्ट किया। सम्मेलन में हुई समझौतों और वार्ताओं से यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश भारत का आर्थिक शक्ति केंद्र बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।