लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। अमेज़न ने दिल्ली में आयोजित अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम के पहले ‘करियर ऑफ द फ्यूचर’ सम्मेलन के दौरान घोषणा की कि 2021 में लॉन्च किए गए अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम ने 8 भारतीय राज्यों के 272 जिलों में सरकारी स्कूलों के 3 मिलियन छात्रों और 20,000 से अधिक शिक्षकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र में लैंगिक अंतर को पाटने के लिए तैयार इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से टियर-2 शहरों में रहने वाले कक्षा 6 और उससे ऊपर के छात्रों को लक्षित करता है। इसके तहत उन्हें हिंदी, अंग्रेज़ी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, उड़िया और मराठी सहित सात भारतीय भाषाओं में आकर्षक, बहुभाषी शिक्षण सामग्री तक पहुंच प्रदान की जाती है।
उन्नत कंप्यूटर विज्ञान मॉड्यूल के साथ, यह कार्यक्रम छात्रों को जटिल अनुप्रयोगों को विकसित करने में मदद करता है। जबकि मूलभूत एआई अवधारणाओं, कोडिंग सिद्धांतों और इमर्सिव प्रोजेक्ट-आधारित पढ़ाई के ज़रिये उनके जीवन में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति की गहरी समझ को बढ़ावा देता है। अमेज़न ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा महिलाओं को और सशक्त बनाने के लिए, कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग या संबंधित क्षेत्रों में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाली छात्राओं को चार साल में 2 लाख रुपये मूल्य की 500 योग्यता-आधारित छात्रवृत्ति प्रदान करने की पेशकश की है।
तकनीकी उद्योग में लैंगिक अंतर को पाटनेके उद्देश्य से यह पहल वित्तीय सहायता से परे व्यापक सहायता प्रदान करती है। इसमें अमेज़न कर्मचारियों से मार्गदर्शन, उन्नत व्यक्तिगत कोडिंग बूट कैंप और सीखने और करियर विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यक्तिगत लैपटॉप तक पहुंच शामिल है। कंपनी ने 2021 में अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम के लॉन्च के बाद से भारत में 1700 से अधिक योग्यता-आधारित इंटर्नशिप की पेशकश की है।
अमेज़न इंडिया के कंट्री मैनेजर, समीर कुमार ने कहा, “अमेज़न में, हम शिक्षा के ज़रिये भारत के डिजिटल खाई को पाटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर कार्यक्रम कंप्यूटर विज्ञान की छात्राओं को 2 लाख रुपये तक की 500 योग्यता-आधारित छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। हमने पहले ही 8 राज्यों में 3 मिलियन सरकारी स्कूल के छात्रों और 20,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कौशल के साथ सशक्त बनाकर, हम अगली पीढ़ी के प्रौद्योगिकी नवोन्मेषकों (इनोवेटर) का पोषण कर रहे हैं। विभिन्न किस्म की समावेशी शिक्षा में यह निवेश भारत की क्षमता सामने लाने और सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।“