लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पर्वतीय महापरिषद द्वारा आयोजित 10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग-2025 के पांचवें दिन शनिवार को प्रथम सत्र में विभिन्न क्षेत्रों से आए 7 पारंम्परिक वेषभूषा में झोड़ा दलों की प्रस्तुतियां हुई। दलनायिका हेमा वांणगी के नेतृत्व में देवभूमि जनसरोकार समिति लखनऊ ग्रुप, चित्रा काण्डपाल के नेतृत्व में गोमती नगर शाखा, सविता बिष्ट के नेतृत्व में इन्दिरा नगर सुगामऊ, दीपा पाण्डेय के नेतृत्व में इंदिरा नगर-2, सोनू जोशी के नेतृत्व में इन्दिरा नगर टीम बी, सोनिया बिष्ट के नेतृत्व में मायापुरी कल्याणपुर व मंजु पाण्डेय के नेतृत्व में आलोक नगर कल्याणपुर के कलाकारों ने शानदान पांरम्परिक उत्तराखण्डी गानों पर झोड़ा चांचरी नृत्य की प्रस्तुतियां दीं।
सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में पहाड़ी धुनों पर देशी ठुमका प्रतियोगिता में कुर्मांचल नगर से माही वेलफेयर, इन्दिरा नगर सुगामऊ से दीपा पाण्डेय, इन्दिरा नगर -2 से सविता बिष्ट, नीलमथा से पिंकी नौटियाल व कुर्मांचल नगर से रेनू काण्डपाल ने प्रतिभाग किया।
पहाड़ की आवाज प्रतियोगिता में गोविन्द बोरा, मंजू पाण्डेय, प्रतिभा सती, हर्षिता काण्डपाल व दिव्यांशु जोशी ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता के प्रायोजक चंचल सिंह बोरा ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्देश्य नवोदित गायक कलाकारों को प्रोत्साहित कर उनकी प्रतिभा को उभारना है। निर्णायक मण्डल में दर्शन सिंह परिहार, नारायण दत्त पाठक व गिरीश चन्द्र बहुगुणा रहे।
झूमिगो-छपेली प्रतियोगिता में गोविन्द बोरा (गोमती नगर शाखा), बलवंत वांणगी (देवभूमि जनसरोकार समिति), पिंकी नौटियाल (नीलमथा) व राजेन्द्र सिंह बिष्ट (तेलीबाग) के कलाकारों ने प्रतिभाग लिया।
पांचवी सांयकालीन सत्र का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष वन विभाग सुनील चौधरी एवं विशिष्ठ अतिथि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीबी सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
महापरिषद के मुख्य संयोजक टीएस मनराल, संयोजक केएन चन्दोला, अध्यक्ष गणेश चन्द जोशी, महासचिव महेन्द्र सिह रावत संरक्षक प्रो. आरसी पंत, डीडी नरियाल, राजेन्द्र सिह रावत, हेमंत सिंह गड़िया व एनके उपाध्याय ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया।
पांचवी शाम उत्तराखण्ड के मशहूर लोकगायक रहे स्व. प्रहलाद मेहरा व स्व. पप्पू कार्की के नाम रही। जिसमें प्रहलाद मेहरा के पुत्र कमल मेहरा ने “एैजा मेरा दानपुरा…”, “हाट की कालिका मैया…”, “शेरू मर्तोलिया…” और पप्पू कार्की के पुत्र दक्ष कार्की ने “उत्तरायणी कौथिग लागी रौ…”, “चम्पावते की रक्षिमी बाना…”, “हिरा सम्दणी…” की प्रस्तुति से पहाड़ी छटा बिखेरी।
इस मौके पर केएन पाठक, मोहन सिह बिष्ट मोना, केएन पाण्डेय, लक्ष्मण सिह धामी, प्रदीप बिष्ट, महेन्द्र पंत, शंकर पाण्डेय, बसंत भटट, संजय पाण्डेय, कृपाल सिह रावत, एमएस मेहता, देवेद्र मिश्रा, कैलाश बिनवाल, जानकी अधिकारी, माया भटट सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।