कानपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और कुप्पम क्षेत्र विकास प्राधिकरण (KADA) ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू के निर्वाचन क्षेत्र कुप्पम को भारत का पहला नेट ज़ीरो निर्वाचन क्षेत्र बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस ऐतिहासिक साझेदारी का उद्देश्य सस्टेनेबिलिटी को आगे बढ़ाना और क्षेत्र में नेट ज़ीरो उत्सर्जन, नेट ज़ीरो जल और नेट ज़ीरो अपशिष्ट को लक्षित करके संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में योगदान देना है।
इस समझौता ज्ञापन पर डीन ऑफ स्टूडेंट्स अफेयर्स आईआईटी कानपुर प्रोफेसर प्रतीक सेन और कुप्पम क्षेत्र विकास प्राधिकरण (KADA) के परियोजना निदेशक विकास मरमत ने हस्ताक्षर किए। इस पहल की अगुआई आईआईटी कानपुर में कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी द्वारा की जाएगी। जिसमें डॉ. राजीव जिंदल और डॉ. मनोज के. तिवारी परियोजना की देखरेख करने वाले प्रमुख अन्वेषक के रूप में काम करेंगे।
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इस सहयोग के तहत, आईआईटी कानपुर KADA के लिए प्रौद्योगिकी और नॉलेज पार्टनर के रूप में काम करेगा, जो कुप्पम के महत्वाकांक्षी स्थिरता लक्ष्यों का प्राप्त करने के लिए अपनी विशेषज्ञता का लाभ प्रदान करेगा। यह पहल उन्नत तकनीकी हस्तक्षेपों जैसे कि नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना, ऊर्जा-कुशल प्रणालियाँ और टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन को स्थिरता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समुदाय द्वारा संचालित प्रयासों के साथ जोड़ेगी। नेट ज़ीरो वॉटर हासिल करने के लिए जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ाना भी एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र होगा।
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प्रो. सच्चिदा नंद त्रिपाठी (डीन, कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी, आईआईटी कानपुर) ने कहा, “आईआईटी कानपुर और कुप्पम क्षेत्र विकास प्राधिकरण (KADA) के बीच यह साझेदारी भारत में सस्टेनेबिलिटी को फिर से परिभाषित करने के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है। आईआईटी कानपुर की तकनीकी विशेषज्ञता और KADA के जमीनी दृष्टिकोण का लाभ उठाकर, हम अक्षय ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन और जल संरक्षण में अभिनव समाधानों को कार्यान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पहल इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे साझा विशेषज्ञता और एकीकृत दृष्टि देश भर में सतत विकास के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करते हुए स्केलेबल और प्रभावशाली समाधानों को आगे बढ़ा सकती है।”
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इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण पहलू कुप्पम में आईआईटी कानपुर की टीम की जमीनी स्तर पर भागीदारी है। जहाँ वे स्थानीय प्रशासन, स्कूलों और कॉलेजों के साथ मिलकर शिक्षा में सस्टेनेबिलिटी के सिद्धांतों को एकीकृत करने के लिए काम करेंगे। यह जुड़ाव छात्रों और शिक्षकों को नेट ज़ीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए सशक्त करेगा, साथ ही समुदाय के भीतर सस्टेनेबिलिटी की गहरी समझ को बढ़ावा देगा।
इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, आईआईटी कानपुर और KADA आज के समय की कुछ सबसे गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक अग्रणी यात्रा पर निकल पड़े हैं। इस पहल के सफल कार्यान्वयन से कुप्पम को सतत विकास के लिए एक वैश्विक मॉडल के रूप में स्थापित किया जाएगा, जो यह प्रदर्शित करेगा कि समुदाय एक सतत और समृद्ध भविष्य बनाने के लिए कैसे सहयोग कर सकते हैं।