लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विश्व समुद्र ग्रुप ने अपने प्रमोटर चेयरमैन चिंता शशिधर के नेतृत्व में शिवदत्त दास को मैनेजिंग डायरेक्टर (प्रबंध निदेशक) और लक्ष्मी प्रियदर्शिनी चिंता को अपनी होल्डिंग कंपनी के वाईस चेयरपर्सन (उपाध्यक्ष) के रूप में घोषित किया है, जो समूह के संचालन की देखरेख करेंगे। होल्डिंग कंपनी वर्तमान में इंजीनियरिंग, मरीन, एवियेशन, विनिर्माण और निवेश में रुचि रखती है। इसकी इंजीनियरिंग शाखा विश्व समुद्र इंजीनियरिंग पिछले 2 वर्षों में भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ते हुए अभूतपूर्व विकास का प्रदर्शन करने वाली उद्योग की अग्रणी कंपनी रही है।
वाराणसी में शहरी रोपवे के निर्माण में अग्रणी इस कंपनी को एबीपी इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव में सबसे नवीन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का पुरस्कार भी मिला है। शिवदत्त पिछले कुछ सालों से ग्रुप के कार्यकारी निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं। यह उन्हें अपने साथियों के समूह की तुलना में सबसे युवा पेशेवरों में से एक बनाता है। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के उपरांत उन्होंने इससे पहले यूनाइटेड स्पिरिट्स, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस, टाटा एआईए, रिलायंस कैपिटल और डी वाई पाटिल हेल्थकेयर जैसे संगठनों के साथ और अर्ली इन्वेस्टर के रुप में अपने खुद के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में भी काम किया है। वे स्विगी कैप टेबल प्री-आईपीओ के निवेशकों में से एक थे।
परोपकार में गहरी रुचि रखने वाले यह योग्यता प्राप्त अर्थशास्त्र विद्वान ने हाल ही में एक खूबसूरत कॉफी टेबल बुक दुग्गा दुग्गा लिखी है, जिसमें दुर्गा पूजा की कहानी और सभी भौगोलिक क्षेत्रों में भारत के साथ इसके संबंध को शामिल किया गया है।
इस घोषणा के दौरान ग्रुप के चेयरमैन चिंता शशिधर ने कहा ग्रुप को इस नेतृत्व की अब जरूरत है, जब हम एक बड़ी छलांग लगाने और अपने काम के माध्यम से एक विरासत बनाने के लिए तैयार हैं। हम एक वैश्विक उद्यम का निर्माण कर रहे हैं और शिवदत्त इस भूमिका को निभाने के लिए सबसे उपयुक्त आंतरिक प्रतिभा हैं। केएमपी के गठन को आगे बढ़ाते हुए लक्ष्मी प्रियदर्शिनी चिंता को ग्रुप की उपाध्यक्ष घोषित किया गया है। एक उत्साही गणितज्ञ, जिन्होंने बच्चों को गणित की सबसे जटिल समस्याओं को हल करने के सरल तरीके सिखाने में अपनी दुनिया तलाश ली थी, अब ग्रुप की फिलॉसोफी में सही संतुलन और लिंग समावेशन अनुपात बनाती हैं।