लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। एक ओर जहां अलीगंज में यूपी महोत्सव चल रहा है, वहीं दूसरी ओर 14 जनवरी से गोमा तट पर दस दिवसीय उत्तरायणी कौथिग (मेले) की धूम मचेगी। जिसका शुभारंभ मंगलवार को भव्य शोभा यात्रा के साथ अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी, महासचिव महेन्द्र सिंह रावत, मुख्य संयोजक टीएस मनराल, संयोजक केएन चंदोला के नेतृत्व में श्री रामलीला मैदान महानगर से होगा।
पर्वतीय महापरिषद द्वारा वर्ष 2010 से प्रारम्भ किया गया तीन दिवसीय उत्तरायणी मेला वर्ष दर वर्ष अपना भव्य स्वरूप धारण कर रहा है। 14 जनवरी को प्रातः 11 बजे गोमती नगर, तेलीबाग, कानपुर रोड, सरोजनी नगर, राजाजीपुरम्, नीलमथा, तेलीबाग, सीतापुर रोड, कल्याणपुर, विकास नगर, कुर्मांचल नगर, इन्दिरानगर की महिलाएं पर्वतीय वेश-भूषा में श्री रामलीला मैदान महानगर में एकत्रित होंगी। श्री रामलीला मैदान महानगर में अल्मोड़ा से आये प्रसिद्व छोलिया दल के कलाकारों का गायन व छोलिया नृत्य तथा नन्दा राजजात शोभायात्रा के साथ पर्वतीय वेश-भूषा में विशाल जन समूह मेला स्थल की ओर प्रस्थान करेगा।
वहीं शाम को उत्तरायणी मेले का उद्धाटन राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी करेंगे। सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में महापरिषद के अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी ने बताया कि उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित अनेक मंत्रीगण, सांसद, विधायकगण तथा प्रशासनिक अधिकारियों को उत्तरायणी मेले में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि रामलीला समिति महानगर के द्वारा मकर संक्रान्ति के अवसर पर कलाकारों व कार्यकर्ताओं को खिचड़ी भोज के साथ पर्वतीय पकवान भी खिलाये जायेंगे।
महासचिव महेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मेले में उत्तराखण्ड के साथ ही अन्य प्रदेशों से अनेक सांस्कृतिक दल लखनऊ पहुॅंच रहे हैं। उत्तरायणी कौथिग-2025 पवित्रता व आस्था के प्रतीक महाकुम्भ को प्रोत्साहित करते हुए उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयन्ती वर्ष के अवसर पर राज्य आन्दोलनकारियों को समर्पित किया जा रहा है। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को पर्वतीय महापरिषद युवा प्रकोष्ठ द्वारा महाकुम्भ में स्नान की व्यवस्था किये जाने हेतु विशेष स्टॉल लगाया जा रहा है।
प्रेस वार्ता में प्रो. आरसी पन्त, एनके उपाध्याय, ज्ञान पन्त, लाबीर सिंह बिष्ट, मोहन सिंह मोना, केएन पाठक, गोविन्द पाठक, मन्जू शर्मा पडेलिया, केएस रावत, एमएस मेहता, शंकर पाण्डेय, गोविन्द बोरा, रवीन्द्र बिष्ट, बसन्त भट्ट, गोपाल गैलाकोटी, भुवन जहांवासी, हेमंत सिंह गड़िया भी उपस्थित रहे।