लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान तथा स्वयंसेवी संस्था फैमिली हेल्थ इण्डिया की एम्बेड परियोजना के सहयोग से नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इंदिरा नगर में नगरीय क्षेत्रों में गठित महिला आरोग्य समिति (एमएएस) को अधिक सुदृढ़ बनाए जाने को लेकर कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें डेंगू और मलेरिया से बचाव, उपचार और प्रबन्धन में महिला आरोग्य समिति की भूमिका पर चर्चा हुयी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संयुक्त निदेशक, डेंगू एवं वेक्टर जनित रोग डा. विकास सिंघल ने कहा कि महिला आरोग्य समिति के माध्यम से आशा कार्यकर्ता मलिन बस्तियों में लोगों को डेंगू और मलेरिया से बचाव और प्रबन्धन को लेकर जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
संयुक्त निदेशक ने मलेरिया के इलाज पर चर्चा करते हुए उपस्थित आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि मलेरिया के दवा की पहली खुराक सेवा प्रदाता द्वारा अपने सामने ही खिलानी चाहिए। इसके साथ ही मरीज को अपना पूरा इलाज कराने की जानकारी अवश्य दें।
गर्भवती व पांच साल तक के बच्चों को मलेरिया का खतरा अधिक रहता है, उनको मच्छरदानी में सोने की सलाह दें। लोगों को बताएं कि यदि बुखार है तो आशा के माध्यम से शीघ्र जांच अवश्य करवायें और बिना जाँच के कोई भी दवा न लें। इसके साथ ही टीकाकरण के दौरान उपस्थित सभी गर्भवती महिलाओं की मलेरिया की जांच आशा के माध्यम से होना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें।
एम्बेड रीजनल कोआर्डिनेटर धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि डेंगू को होने से रोका जा सकता है, यह स्वयं हमारे अपने हाथों में है। मलेरिया एवं डेंगू का मच्छर मलेरिया एवं डेंगू फेलाने के लिए तैयार पर क्या हम उससे बचने के लिए तैयार है। उन्होंने इससे बचने के उपायों पर चर्चा करते हुए बताया कि एक मच्छर की बाइट से आपको मलेरिया हो सकता है और आप मुसीबत में पड सकते है।
उन्होने बताया कि मादा मच्छर प्रोटीन के खातिर खून चूसती है, मादा मच्छर मनुष्य या पशु का खून केवल इसलिए चूसती है कि ताकि वो अपने पीढी को आगे बढा सके। हमे इससे बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। उन्होेने ‘‘प्रत्येक रविवार मच्छरों पर वार‘‘ एवं बुखार पर देरी पडेगी भारी जैसे संदेशों के माध्यम से मच्छरों की ब्रीडिंग स्थलों को नष्ट करने एवं किसी भी प्रकार के बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रो पर जांच कराये जाने के संदेशों को जन सामान्य तक पहुचाये जाने का आह्वान किया।
मलेरिया निरीक्षक अविनास चन्दा ने आई.ई.सी. के माध्यम से मच्छरों से होने वाली सभी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकिनगुनिया, जापानी इन्सेफलाइटिस आदि को कम करने के लिए जागरूकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह सभी सन्देश दूर-दूर तक पहुँच सके और समाज मच्छर जनित बीमारियों से बच सके, हम सभी के संयुक्त प्रयास से इन बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी मनोज कुमार ने मच्छर जनित बीमारी डेंगू एवं मलेरिया के लिए जिम्मेदार मच्छरों एवं इनसे बचने के उपाय पर चर्चा की। नगरीय सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक सुबोध कुमार ने बताया कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। मलेरिया के प्रकार एवं मरीज के आयु के आधार मलेरिया की दवाएं स्वास्थ्य केन्द्रों पर निशुल्क उपलब्ध हैं।