लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान के पहले स्थापना दिवस पर एक दिवसीय वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन गुरुवार को किया गया। अनुसंधान के परिसर में आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्रो. (डॉ.) अरविंद कुमार वर्मा (निदेशक होम्योपैथी) ने किया।
उपमहानिदेशक, केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली, डॉ. सुनील एस. रामटेके ने संगोष्ठी की शुरुआत अपने स्वागत भाषण से किया। होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई। प्रो. (डॉ.) अरविंद कुमार वर्मा ने होम्योपैथी से रोगों के निदान और रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला।
बतौर विशिष्ट अतिथि महेन्द्र वर्मा (मिशन निदेशक आयुष, उत्तर प्रदेश), डॉ. गिरिश गुप्ता, डॉ. आलोक धवन (निदेशक सेन्टर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च), प्रो. (डॉ.) राजेन्द्र सिंह राजपूत (प्राचार्य राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, गाजीपुर), डॉ. शैलेन्द्र कुमार सक्सेना (प्रोफेसर एवं हेड सेन्टर ऑफ एडवांस रिसर्च फैक्लटी ऑफ मेडिसिन, केजीएमयू लखनऊ), प्रो. (डॉ.) विजय कुमार पुष्कर (प्राचार्य राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, लखनऊ), डॉ. वाराणसी रोजा (अनुसंधान अधिकारी, केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली) मौजूद रहे।
संगोष्ठी में विभिन्न रिसर्च विषयों पर चर्चा की गई। डॉ. गिरिश गुप्ता ने Evidence Base Research in Gynecology, प्रो. (डॉ.) राजेन्द्र सिंह राजपूत ने गुड क्लीनिकल प्रैक्टिस, डॉ. शैलेन्द्र कुमार सक्सेना ने रिसर्च मैथैडोलॉजी के विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
अंत में डॉ. लिपिपुष्पा देबता (प्रभारी अधिकारी, केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान, लखनऊ) ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ संस्थान की प्रगति व प्रयोगों को छात्रों के सामने साझा किया। उन्होंने रिसर्च की दिशा में होम्योपैथी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में होम्योपैथिक विधा में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से एम.डी. कर रहे छात्रों ने भी भाग लिया।