Friday , January 10 2025

अवधी-भोजपुरी लोक साहित्य और संस्कृति पर चर्चा संग सम्मानित हुईं 11 विभूतियां

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। फन जोन हो या फूड जोन, प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट व प्रगति इवेंट के तत्वाधान में चल रहे 17वें यूपी महोत्सव में हर तरफ भीड़ दिख रही है। कामर्शियल पॉकेट ग्राउंड अलीगंज में चल रहे महोत्सव में 26वें दिन गुरुवार को भीड़ उमड़ी और लोगों ने जमकर खरीदारी भी की।

वहीं अवधी और भोजपुरी लोक साहित्य और संस्कृति पर चर्चा के साथ ही गुरुवार को 11 विभूतियों के सम्मान संग दो दिवसीय लोक विमर्श का समापन हुआ। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा यूपी महोत्सव परिसर में आयोजित कार्यक्रम के अन्तिम दिन डा. रामबहादुर मिश्र, प्रो. चन्द्रेश्वर, प्रो. अजीत प्रियदर्शी, डा. शशांक सिंह, डा. अशोक अज्ञानी एवं नागेन्द्र बहादुर सिंह ने अपने विचार रखे।

इस अवसर पर लविवि हिन्दी विभाग की सेवानिवृत अध्यक्ष प्रो. कैलाश देवी सिंह समेत 11 विभूतियों को लोक संस्कृति सम्मान प्रदान किया गया। पद्मश्री विद्याविन्दु सिंह, विमल पन्त की उपस्थिति और लोक चौपाल प्रभारी अर्चना गुप्ता के संचालन में संगीत भवन की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं।

सौम्या गोयल के निर्देशन में पायो जी मैंने राम रतन धन पायो, आली री मेरे नैनन बान परी और हरी तुम हरो जन की भीर जैसे भजनों की प्रस्तुति हुई। साथ ही सुमन मिश्रा के संयोजन में डांडिया नृत्य हुआ। जिसमें मीहिका, अविका, अथर्व, आद्रिका, अव्युक्ता, कर्णिका, संस्कृति और श्रीया ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में संस्थान के अध्यक्ष जीतेश श्रीवास्तव, सचिव सुधा द्विवेदी, आशीष कुमार गुप्ता सहित संस्थान के पदाधिकारी व अन्य उपस्थित रहे। लोक संस्कृति की मुरझाती बेल को अभिसिंचित करने में दो दिन तक चले विमर्श ने सार्थक भूमिका निभाई। संस्थान के जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि अवधी, भोजपुरी, बुंदेली, कुमांऊनी, कन्नौजी पर आधारित परिचर्चा में निकले सुझावों पर संस्थान द्वारा कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

इनको किया सम्मानित

रत्ना शुक्ला को प्रो. कमला श्रीवास्तव स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, विनीत सिन्हा को पद्मश्री डॉ. योगेश प्रवीन स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, गीता शुक्ला को आरती पांडेय स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, उमा त्रिगुणायत को प्रभा श्रीवास्तव स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, ज्योति किरन रतन को शोभा देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, मंजू श्रीवास्तव को रमावती देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, सीमा अग्रवाल को सावित्री देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, डा. अनिल मिश्र को जे.पी.लम्बोदर स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, सर्वेश माथुर को सीताराम तिवारी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, प्रो. कैलाश देवी सिंह को पद्मश्री डॉ. विद्याविन्दु सिंह लोक संस्कृति ध्वजवाहक सम्मान, सौरभ कमल को डा. रामबहादुर मिसिर लोक संस्कृति ध्वजवाहक सम्मान से सम्मानित किया गया।