- गॉलब्लैडर से निकाला 18 मिमी पत्थर
नई दिल्ली (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मिनिमल एक्सेस स्मार्ट सर्जरी हॉस्पिटल (MASSH) ने चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की। बिहार की 36 वर्षीय महिला मरीज़ गॉल ब्लैडर स्टोन के इलाज के लिए अस्पताल पहुंची। अल्ट्रासाउंड के दौरान उन्हें जटिल बीमारी पोर्टल कैवर्नोमा (Portal Cavernoma) का पता चला। इस जटिल स्थिति में गॉल ब्लैडर के आसपास की नसें सूज जाती हैं, जिससे सर्जरी के दौरान रक्तस्राव का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को विशेषज्ञ टीम ने 3D रूबिना 4K लैप्रोस्कोपिक तकनीक का उपयोग कर मात्र 49 मिनट में पूरा किया। आमतौर पर ऐसी सर्जरी में 4 घंटे तक का समय लग सकता है।
मरीज़ के गॉल ब्लैडर में 18 मिमी का पत्थर गॉल ब्लैडर की नली में फंसा हुआ था, जो बेहद खतरनाक स्थिति थी। अगर समय पर इलाज नहीं किया जाता, तो गॉल ब्लैडर फटने से बाइल का रिसाव और सेप्सिस जैसी गंभीर स्थिति हो सकती थी। लेकिन अल्ट्रासाउंड के दौरान पोर्टल कैवर्नोमा का पता चलने से सर्जरी और भी जटिल हो गई।
MASSH अस्पताल के मिनिमल एक्सेस सर्जरी विभाग के निदेशक, डॉ. सचिन अंबेकर ने बताया, “यह आपातकालीन स्थिति थी। गॉल ब्लैडर की स्थिति इतनी गंभीर थी कि बिना किसी प्रारंभिक उपाय जैसे शंट या एम्बोलाइज़ेशन के, सर्जरी तुरंत करना अनिवार्य हो गया।”
डॉ. सचिन ने कहा, “अपने व्यापक अनुभव में मैंने इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं देखी है। विश्व स्तर पर इस संयोजन के बहुत ही सीमित चिकित्सा मामले सामने आए हैं, केवल 21 मामलों की रिपोर्ट दर्ज की गई है और भारत में इसकी संभावना केवल 12 मामलों की है। 2010 से 2018 के बीच के समय में भी मात्र 11 मामलों की ही रिपोर्ट दर्ज की गई है।”
डॉ. अंबेकर ने यह भी बताया कि मरीज में पोर्टल कैवर्नोमा का कोई सामान्य कारण, जैसे क्रॉनिक लिवर डिजीज, नहीं था। यह एक आनुवंशिक समस्या थी, जिससे सर्जरी और महत्वपूर्ण हो गई। पारंपरिक 2D तकनीक के बजाय 3D तकनीक के उपयोग ने इस जटिल सर्जरी को न केवल सफल बनाया, बल्कि समय भी काफी कम कर दिया।
सर्जरी पूरी तरह से सुरक्षित और जटिलताओं से मुक्त रही। मरीज को अगले ही दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
MASSH के कार्यकारी निदेशक हनीश बंसल ने इस सफलता पर कहा कि हम जटिल चिकित्सा मामलों को हल करने में नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं। यह सर्जरी दिखाती है कि अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता का मेल से जटिलतम बीमारियों का भी सरल इलाज सम्भव है।”