लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। गोमती नगर स्थित होटल लीजेंड-इन के संचालक सरकार एवं न्यायालय के आदेशों की धज्जिया उड़ाते हुए अवैधानिक तरीके से प्राइवेट सफाई कर्मचारी को सीवर मैनहोल के अंदर उतार कर सफाई करवा रहे है।
सीवर में सफाई के दौरान कर्मचारियों की मौत के कई मामले सामने आए। पहले भी कई बार सीवर में सफाई करते हुए कर्मचारियों की मौत का मामला तूल पकड़ चुका है। यहां तक सुप्रीम कोर्ट भी इसमें फटकार लगा चुका है। ऐसा करवाने वाले के खिलाफ नियमानुसार जुर्माना और सजा का प्रविधान किया गया है। नियम के तहत पहली बार कानून की अवहेलना पर दो लाख रुपये का जुर्माना या दो साल की जेल या दोनों हो सकते हैं। दूसरी बार उल्लंघन करने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना, पांच वर्ष की जेल या दोनों का प्रविधान कानून में है। कोई भी व्यक्ति सीवर में घुसे सफाई मित्र की फोटो लेकर पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज करवा सकता है।
सुएज इंडिया के हेल्थ एन्ड सेफ्टी ऑफिसर पंकज सिंह ने बताया सीवर मैनहोल में प्रवेश करना अत्यंत खतरनाक है। क्योंकि इसमें जहरीली गैसें (जैसे कि मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड) मौजूद हो सकती हैं, जो जानलेवा होती हैं। सफाई कर्मियों को बिना उचित उपकरण, गैस डिटेक्टर और सुरक्षा किट के सीवर में भेजना सीधे उनकी जान को जोखिम में डालना है। होटल लीजेंड-इन के संचालक बिना किसी के अनुमति लिए प्राइवेट कर्मी को सीवर मैनहोल के अंदर उतार कर सफाई करवा रहे है इससे जलकल, नगर निगम एवं सुएज इंडिया की छवि ख़राब हो रही है।
यह घटना मानवाधिकारों का उल्लंघन का मामला है। प्रशासन को इसे एक उदाहरण के तौर पर लेते हुए दोषियों को दंडित करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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