- लोगों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पिडिलाइट इंडस्ट्रीज के सर्वाधिक लोकप्रिय और देश के अग्रणी एडहेसिव ब्रांड फेविकोल ने 20 दिसंबर को देशभर में 1500 शहरों में लकड़ी का काम करने वाले 30,000 से अधिक कारीगरों के लिए एक अनूठी देशव्यापी सामुदायिक पहल का आयोजन किया। फेविकोल ने लकड़ी का काम करने वालों और ठेकेदारों को एक साथ लाकर अपने वार्षिक श्रमदान दिवस पहल का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इन कारीगरों और ठेकेदारों ने 800 गैर सरकारी संगठनों, लाभार्थी स्कूलों, अस्पतालों और वंचित बच्चों के संस्थानों के लिए फर्नीचर की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए एक दिन का निशुल्क श्रमदान किया।
फेविकोल चैंपियंस क्लब (एफसीसी) पिडिलाइट इंडस्ट्रीज की एक पहल है, जो लकड़ी का काम करने वालों और उनके परिवारों के लिए कौशल बढ़ाने और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। श्रमदान दिवस जैसी पहलों के माध्यम से फेविकोल चैंपियंस क्लब वंचित संस्थानों के लिए फर्नीचर की मरम्मत और नवीनीकरण करके देश भर के बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस दौरान पिडिलाइट की ओर से आवश्यक उपकरण और सामग्री प्रदान की जाती है। इसके अलावा, फेविकोल चैंपियंस क्लब प्रशिक्षण कार्यशालाएँ, आत्म-विकास कार्यक्रम, चिकित्सा शिविर और स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और विश्वकर्मा पूजा जैसे त्योहार जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करता है। यह बाल मेला और छात्रवृत्ति जैसी गतिविधियों के साथ परिवारों को सपोर्ट करता है, और इस तरह समग्र विकास और सामुदायिक कल्याण को बढ़ावा देता है।
इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज़ के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘श्रमदान दिवस हमारे लकड़ी के काम करने वाले समुदाय की अविश्वसनीय उदारता और भावना का उदाहरण है। लकड़ी का काम करने वाले हजारों कारीगरों और ठेकेदारों को एक साथ आते देखना बेहद प्रेरणादायक है, जो वंचित बच्चों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए अपना समय और कौशल समर्पित करते हैं। फ़ेविकोल में, हमें इस पहल को सपोर्ट करते हुए खुशी हो रही है, क्योंकि इस तरह के कदम न केवल कौशल और समर्पण की शक्ति को दर्शाते हैं, बल्कि बेहतर कल के निर्माण में समुदाय द्वारा संचालित प्रयासों के महत्व को भी और मजबूत करते हैं।’’
उल्लेखनीय है कि श्रमदान दिवस के पिछले आयोजनों को बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय मान्यता मिली है, जिसमें लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स और एशियन बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में उल्लेख शामिल है। इस पहल की विरासत में श्रवण बाधित छात्रों के लिए ध्वनिरोधी कक्षाएँ बनाना और स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों के लिए टिकाऊ बुनियादी ढाँचा बनाना जैसी प्रभावशाली परियोजनाएँ शामिल हैं।
पिडिलाइट इंडस्ट्रीज की ओर से श्रमदान दिवस देश भर के प्रमुख शहरों में मनाया गया, जिनमें अहमदाबाद, लखनऊ, पटना और रायपुर, हैदराबाद, राजकोट, बैंगलोर, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, चेन्नई, कोयंबटूर, कानपुर, चंडीगढ़ और अमृतसर शामिल हैं। इन शहरों में जिन संस्थानों में मरम्मत और सुधार का काम किया गया, उनमें नेत्रहीन विद्यालय, आदिवासी विद्यालय, दिव्यांगों के लिए विद्यालय, नगरपालिका विद्यालय, अनाथालय, सरकारी विद्यालय और अस्पताल, वृद्धाश्रम आदि शामिल हैं। ये ऐसे संस्थान हैं जो गैर सरकारी संगठनों और सरकार द्वारा संचालित किए जाते हैं।