लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। राजधानी की उत्तरी क्षेत्र से विधायक डा. नीरज बोरा ने प्रदेश के शहरी क्षेत्र में वर्षों से बनी कतिपय अनियोजित कालोनियों को मान्यता प्रदान करते हुए नियोजित करने की मांग उठाई है। सोमवार को नियम 51 की सूचना को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार किया और इस पर आवास एवं शहरी नियोजन मंत्री के रुप में मुख्यमंत्री वक्तव्य देंगे।
विधायक डा. बोरा ने बताया कि निरन्तर बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, ग्रामीणों के पलायन आदि से शहरों में भीड़ लगातार बढ़ रही है, जिन्हें रहने योग्य आवास व अन्य जनसुविधाओं की आवश्यकता के दृष्टिगत निजी क्षेत्र के कतिपय लोगों द्वारा सरकार की विधिमान्य संस्था से बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्लाट बेचा गया और लोग वहां वर्षों से आवास बनाकर रह रहे हैं। ऐसे भवनों का नगर निगम द्वारा कर निर्धारित करके गृह कर व जल कर भी वसूला जा रहा है। जल कर व सीवर कर की वसूली तब भी हो रही है जब कि सीवर लाइन, वाटर लाइन, जल निकासी व पक्का मार्ग नहीं बना है। विकास की मांग पर कहा जाता है कि निर्माण मानक के अनुरूप नहीं होने के कारण कालोनी अवैध है।
उन्होंने कहा कि आबादी के अनुपात में मकान बना कर दिया जाना सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती है तथा शहरी क्षेत्र में वर्षों से बनी कतिपय अनियोजित कालोनियों में रह रही करोड़ों की आबादी की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें एक न्यूनतम विकास शुल्क अथवा शमन शुल्क लेकर मान्यता प्रदान करते हुए विकास कार्य यथा-सीवर, सड़क, पेयजल, नाली, मार्गप्रकाश आदि उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा विधायन बनाया जाना आवश्यक है।
विधायक डा. बोरा ने बताया कि सोमवार को सदन में उनके द्वारा पूछे गये 6 अतारांकित प्रश्न उत्तरित हुए तथा उन्होंने गोमती तट स्थित खाटूश्याम मन्दिर में आगमन और प्रस्थान हेतु एक अतिरिक्त वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए ऋषि कपूर व मनीष अग्रवाल की याचिका को भी सदन के पटल पर रखी।
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