काठमांडू (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने नेपाल पर्यटन बोर्ड के साथ मिलकर प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 को बढ़ावा देने पर केंद्रित पहली भारत-नेपाल पर्यटन बैठक आयोजित की। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अगले साल जनवरी-फरवरी में उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ भारत और नेपाल के बीच सर्किट पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आपसी सहयोग बनाना था।
भारतीय दूतावास के मिशन के उप प्रमुख प्रसन्न श्रीवास्तव ने नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री अरुण कुमार चौधरी और नेपाल पर्यटन बोर्ड के सीईओ दीपक राज जोशी के साथ सत्र का उद्घाटन किया।
भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहाकि बैठक के दौरान बी2बी कार्यक्रम में भारत के 13 प्रतिनिधियों और नेपाल के 60 टूर ऑपरेटरों ने भाग लिया। चर्चा में सीमा पार पर्यटन (खासकर भूमि मार्ग के माध्यम से) को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों पक्षों के टूर ऑपरेटरों ने रामायण और बौद्ध सर्किट के संदर्भ में दोनों पक्षों के आगंतुकों के लिए संभावित यात्रा योजनाओं पर विचार-विमर्श किया।
अपने भाषण के दौरान डिप्टी चीफ ऑफ मिशन श्रीवास्तव ने नेपाल और भारत के पड़ोसी राज्यों में कुछ खास स्थानों को शामिल करते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक सर्किटों को बढ़ावा देने सहित भारत-नेपाल पर्यटन क्षमता का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए दोनों पक्षों के निरंतर संयुक्त प्रयासों पर जोर दिया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार की पर्यटन अधिकारी कीर्ति ने महाकुंभ 2025 पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें विशेष रूप से नेपाली भक्तों के लिए इस आयोजन के महत्व को दर्शाया गया। कार्यक्रम का समापन भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा समर्थित भारत के आठ सदस्यीय दल द्वारा मनमोहक कथक नृत्य प्रदर्शन के साथ हुआ।
(रिपोर्ट शाश्वत तिवारी)