- गुरु ग्रंथ साहब की निकली सवारी
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्तीय कार्यालय भारती भवन में रविवार को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
प्रांत प्रचारक ने कहाकि गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब के शासनकाल की नीतियों के विरुद्ध हिंदुओं को जगाने का काम किया। एक आततायी शासक की सनातन धर्म विरोधी और वैचारिक स्वतंत्रता का दमन करने वाली नीतियों के विरुद्ध समाज के सबसे शांत और अहिंसक हिंदू व्यक्ति तक का क्या दायित्व बनता है यह जानने के लिये हमें श्री गुरु तेग बहादुर के जीवन को जानना चाहिये।
इस अवसर पर श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अंतर्गत राममंदिर का कार्यभार देख रहे गोपाल जी ने कहा कि 350 साल पहले की भारत देश की परिस्थिति पर विचार करने पर पाएंगे कि उस समय हमारा धर्म और परिवार सबकुछ विदेशी आक्रांताओं के हाथ में चला गया था। उस समय पर अपने धर्म मार्ग पर चलना एक चुनौती थी। ऐसे में सबको संगठित करने के लिये उन्हों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं हुआ। साथ ही, सिख गुरुओं ने राम मंदिर के लिये आंदोलन किया था। उन्होंने कहा कि गुरुओं ने हमें शिक्षा दी है कि हम अपने धर्म को जीते हुये आचरण करें। अपनी आने वाली पीढ़ी को इसकी शिक्षा दें। हम एक होकर रहें। अपनी संस्कृति को अपनी अगली पीढ़ी के हृदय में स्थापित करने का संकल्प लें।
श्री गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस आयोजन समिति के प्रशांत भाटिया ने बताया कि शहीदी दिवस के पावन अवसर पर गत तीन वर्ष की भांति यह भव्य आयोजन इस बार भी बड़े भाव आदर सत्कार के साथ मनाया गया।
भारती भवन के प्रांगण में बड़े सत्कारयोग श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में पाठ, धन धन गुरु तेग बहादुर साहब कीर्तन ने सबको मंत्र मुग्ध किया। दशमेश पब्लिक स्कूल, चढ़दी कला क्लासेस लखनऊ के बच्चों ने भी करतब दिखाए व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त गुरु तेग बहादुर साहिब पर आधारित चित्र प्रदर्शनी लगाई गयी थी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के समापन के पश्चात लंगर का भी आयोजन किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के समापन के पश्चात लंगर का भी आयोजन किया गया। वहीं, सभी अतिथियों को श्रीगुरु तेग बहादुर जी की जीवनी पर आधारित सचित्र पुस्तिका भी नि:शुल्कि वितरित की गयी।
कार्यक्रम संयोजक निर्मल सिंह ने बताया कि ‘हिंद की चादर’ के नाम से पूजित गुरुजी ने विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय आदर्शों, मूल्यों एवं सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कोई संकोच नहीं किया। अपने प्राण देकर समाज को राह दिखाने वाले गुरुजी का इस विश्व में अद्वितीय स्थान है।
इस अवसर पर पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया, एमएलसी पवन सिंह चौहान, सरदार निर्मल सिंह, सरदार सतपाल सिंह मीत, सरदार सुरिंदर सिंह बख्शी, सरदार राजेन्द्र सिंह राजू, सरदार भूपिंदर सिंह पिंदा, सरदार कुलदीप सिंह, सरदार हरपाल सिंह जग्गी, सरदार रणबीर सिंह भसीन, सुनील कालरा, श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल व गोपाल, अहिल्याबाई होल्कर शताब्दी समारोह समिति के संरक्षक पूज्य वैदेही वल्लभ शरण महाराज, कौशिक चैतन्य ब्रह्मचारी, सामाजिक सदस्यता विभाग के प्रांत प्रमुख राजकिशोर, राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के निदेशक मनोज कांत, अनिल अग्रवाल, उप्र मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव भारत सिंह, सह विभाग संघ चालक भुवनेश्वर, पूर्व विधायक सौरभ मिश्र, अपर्णा यादव उपस्थित रहे।