लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। देशभर में मुगलों के अत्याचार व उनकी निर्ममता के विरुद्ध खड़े होने की चेतना जागृत करने वाले सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। श्री गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस आयोजन समिति लखनऊ की ओर से कार्यक्रम संयोजक निर्मल सिंह ने बताया कि शहीदी दिवस के पावन अवसर पर गत तीन वर्ष की भांति यह भव्य आयोजन इस बार भी बड़े भाव आदर सत्कार के साथ भारती भवन संघ कार्यालय में 8 दिसम्बर को सायं 6 बजे से होगा।
शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि भारती भवन के प्रांगण में बड़े सत्कारयोग श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में पाठ, कीर्तन दीवान – दशमेश पब्लिक स्कूल, चढ़दी कला क्लासेस के बच्चे कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इसके अतिरिक्त गुरु तेग बहादुर साहिब पर आधारित चित्र प्रदर्शनी प्रस्तुत करेंगे। उक्त कार्यक्रम में समूह लखनऊ की सीख, सिंधी, पंजाबी व सर्व धर्म समाज के 31 विभिन्न मत, पंथ एवं सम्प्रदायों के 100 से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे।
भाई गुरमीत सिंह, भाई दिनेश सिंह, गुरमत लेक्चर सरदार दिलबाग सिंह अमृतसर व बीबी रवनीत कौर अपने विचार प्रकट करेंगे। लखनऊ के समूह गुरुद्वारा सिख संगत व सिंधी आश्रम सनातनी महासभा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक होकर श्री गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस आयोजन समिति द्वारा यह कार्यक्रम करा रहे हैं। इसमें अयोध्या से कई संत, विभिन्न समाजों – धर्म के प्रमुख संत आदि अतिथि सम्मिलित होंगे।
इस भव्य आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक एवं कार्यकर्ता व्यवस्था सम्भालेंगे। साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के समापन के पश्चात लंगर का भी आयोजन किया जाएगा। निर्मल सिंह ने बताया कि ‘हिंद की चादर’ के नाम से पूजित गुरुजी ने विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय आदर्शों, मूल्यों एवं सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कोई संकोच नहीं किया। अपने प्राण देकर समाज को राह दिखाने वाले गुरुजी का इस विश्व में अद्वितीय स्थान है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक कौशल, श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनिल व गोपाल, गौ सेवा के अखिल भारतीय सह-संयोजक नवल किशोर, राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के निदेशक मनोज कांत, प्रशांत भाटिया आदि उपस्थित रहेंगे।
निर्मल सिंह ने कहा कि कार्यक्रम में कीर्तन व गुरमति विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी ने मुगल काल के सबसे क्रूरतम बादशाह औरंगजेब के शासनकाल को न केवल देखा बल्कि उसकी नीतियों के विरुद्ध अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया। एक आततायी शासक की सनातन धर्म विरोधी और वैचारिक स्वतंत्रता का दमन करने वाली नीतियों के विरुद्ध समाज के सबसे शांत और अहिंसक हिंदू व्यक्ति तक का क्या दायित्व बनता है यह जानने के लिये हमें श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन को जानना चाहिये।
उन्होंने कहा, ‘हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर जी द्वारा किया गया सर्वोच्च बलिदान हम सबके लिये स्मरणीय है। यह चेतना जागृति का एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक उदाहरण है, जिसे सबको जानना चाहिये।’
प्रेस वार्ता में सरदार निर्मल सिंह, सरदार सतपाल सिंह मीत, सरदार सुरिंदर सिंह बख्शी, सरदार राजेन्द्र सिंह राजू, सरदार भूपिंदर सिंह पिंदा, सरदार कुलदीप सिंह, प्रशान्त भाटिया, सरदार हरपाल सिंह जग्गी (गुरुद्वारा सदर), सरदार रणबीर सिंह भसीन, आदि उपस्थित रहे।