नि:शुल्क शिविर में 690 दिव्यांगों को मिला नया जीवन, बने आत्मनिर्भर
लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। राम नगरी अयोध्या निवासी सुदर्शन दास की 8 वर्षीय बेटी सृष्टि दास के बाएं हाथ में जन्म से पंजा नहीं था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, नारायण सेवा संस्थान के शिविर में उसके हाथ में कृत्रिम पंजा लग गया है। जिससे अब वह काफी खुश है। सृष्टि दास बड़ी होकर इंजीनियर बनना चाहती है। कृत्रिम पंजा लगने से उत्साहित सृष्टि ने कहा कि अब वह बैडमिंटन भी खेल सकेगी।
बाबागंज निवासी अल्पना (10 वर्ष) के बाएं पैर में जन्म से दिव्यांगता है। शिविर में अल्पना को भी कृत्रिम पैर लगाया गया। जिससे उत्साहित अल्पना ने कहा कि अब वह भी डांस कर सकेगी। कानपुर निवासी 4 वर्षीय जगराज भी जन्म से खड़ा नहीं हो पा रहा था। लेकिन कृत्रिम पैर लगने से अब वह न सिर्फ चल सकेगा बल्कि स्कूल भी जा सकेगा।
नारायण सेवा संस्थान का नारायण लिम्ब एवं कैलिपर्स फिटमेंट शिविर दयाल गेटवे होटल, किसान बाज़ार में आयोजित हुआ। शिविर में लखनऊ के 690 से ज्यादा दिव्यांगों को अपर-लोवर व मल्टीपल कृत्रिम अंग और केलिपर्स लगाए गए। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने शिरकत की।
परिवहन मंत्री ने कहाकि नारायण सेवा संस्थान दिव्यांगों को सशक्त ही नहीं कर रहा बल्कि उनके जीवन को सुगम और सार्थक बना रहा है। यह समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान है। यह देश- दुनिया को सुखी और स्वस्थ बनाने के लिए विश्व एक परिवार के भाव को मजबूत करने वाला है। ऐसे ईश्वरीय कार्य को देख उन्होंने बलिया जनपद में शिविर की घोषणा की तथा संस्थान को हर तरह से मदद का भरोसा दिया। साथ ही संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव व अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल के सेवा भावना और वर्षों की सेवा साधना की प्रशंसा की।
वहीं शिविर की अध्यक्षता कर रही महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने दिव्यांगों को संबोधित करते हुए शिविर से लाभांवित होकर अपने पैरों पर चलते हुए नई जिंदगी शुरू करने वाले भाई बहिनों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने दिव्यांगों के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की और दिव्यांगों के लिए लखनऊ में पुन: भव्य शिविर करने का आग्रह करते हुए व्यक्तिगत योगदान देने का आश्वासन दिया।
शिविर दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुआ। विशिष्ट अतिथि प्रतिभा श्रीवास्तव, ओमप्रकाश गुप्ता व मीरा देवी ने भी संस्थान के भव्य मानव यज्ञ के लिए आभार प्रकट कप्रारं अनुदान दिया। प्रारंभ में नारायण सेवा संस्थान के ट्रस्टी एवं निदेशक देवेंद्र चौबीसा और निदेशक मीडिया व जनसंपर्क भगवान प्रसाद गौड़ ने मंचासीन अतिथियों का मेवाड़ी परम्परा से स्वागत किया। ट्रस्टी चौबीसा ने संस्थान की एक मुट्ठी आटे से अब तक की सेवाओं से रूबरू कराया। संस्थान का 2025 का संकल्प पत्र भी प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहाकि दिव्यांगजनों को उनके घरों के पास ही मदद पहुँचाने के लिए 28 जुलाई को लखनऊ में कैंप लगाया था। जिसमें 1250 से ज्यादा रोगी आये उनमें से 690 दिव्यांगों को नारायण लिंब व केलिपर्स के लिए चयनित किया। जिन्हें आज नई जिंदगी का उपहार मिला हैं। समारोह में कृत्रिम अंग पहनकर दिव्यांगों ने परेड की और फुटबॉल और बेडमिंटन भी खेला। इन दिव्यांगों को संस्थान डॉक्टर्स ने चलने की ट्रेनिंग देने के साथ लिम्ब के रखरखाव की जानकारी भी दी।
संस्थान ट्रस्टी चौबीसा ने शिविर की रिपोर्ट बताते हुए कहाकि आज एक ही दिन में एक ही छत के नीचे 690 से ज्यादा दिव्यांग नारायण लिम्ब पहनकर घरों को विदा हुए। जो वर्षों पहले किसी दुर्घटना में ये सभी अपने हाथ -पैर गंवाने से चलने -फिरने में असमर्थ हो चुके थे। जिसके चलते इनकी जिंदगी रुक सी गई थी। आज 171 लोवर लिंब, 131 अपर लिंब, 90 मल्टिपल लिंब और 270 केलिपर्स लगाए गए। संस्थान की 80 जन टीम ने सेवाएं दी। शिविर प्रभारी एवं संयोजक हरिप्रसाद लढ्ढा और बद्री लाल शर्मा ने अतिथियों का धन्यवाद अर्पित किया।
नारायण सेवा संस्थान 1985 से नर सेवा-नारायण सेवा की भावना से काम कर रहा है। संस्थापक कैलाश मानव को राष्ट्रपति ने मानव सेवा के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा है। संस्थान के अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल दिव्यांगों के लिए मेडिकल, शिक्षा, कौशल विकास और खेल अकादमी के माध्यम से मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से मजबूत कर लाखों दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में ला चुके है। वर्ष 2023 में अग्रवाल को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। संस्थान अब तक 48722 से अधिक नारायण लिम्ब लगा चुका है। संस्थान अब उत्तर प्रदेश के दिव्यांगों को नि:शुल्क नारायण लिम्ब प्रदान कर उनकी रुकी जिन्दगी को फिर से शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर काम करेगा।