- 5G-एडवांस्ड नेटवर्क की तैयारी के लिए 4G और 5G अनुबंधों का हुआ विस्तार
- एयरस्केल पोर्टफोलियो और मंटाराय सॉल्यूशन के उपकरणों का करेगा उपयोग
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। नोकिया को भारती एयरटेल (एयरटेल) से भारत के प्रमुख शहरों और राज्यों में 4G और 5G उपकरण लगाने के लिए बहु-वर्षीय और बहु-अरब डॉलर का अनुबंध मिला है।
इस अनुबंध के तहत, नोकिया अपने एडवांस्ड 5G एयरस्केल पोर्टफोलियो के उपकरण लगाएगा। इनमें बेस स्टेशन, बेसबैंड यूनिट और नवीनतम पीढ़ी के मैसिव एमआईएमओ रेडियो शामिल हैं। ये सभी ऊर्जा की बचत करने वाले रीफशार्क सिस्टम-ऑन-चिप तकनीक से संचालित होंगे। ये सॉल्यूशन एयरटेल के नेटवर्क को शानदार 5G क्षमता और कवरेज प्रदान करेंगे और नेटवर्क को बढ़ाने में मदद करेंगे। इसके साथ ही, नोकिया एयरटेल के मौजूदा 4G नेटवर्क को मल्टीबैंड रेडियो और बेसबैंड उपकरणों से आधुनिक बनाएगा, जो 5G को भी सपोर्ट करेंगे।
एयरटेल नोकिया के मंटाराय नेटवर्क मैनेजमेंट का इस्तेमाल करेगा, जो एआई आधारित टूल्स की मदद से नेटवर्क की निगरानी और प्रबंधन करेगा। इसमें डिजिटल सेटअप, नेटवर्क की बेहतरी और तकनीकी सहायता शामिल हैं।
गोपाल विट्टल (वाइस चेयरमैन एंड एमडी, भारती एयरटेल) ने कहा, “एयरटेल ने हमेशा नेटवर्क नई तकनीकों के प्रयोग में अग्रणी रहा है और ग्राहकों को अत्याधुनिक कनेक्टिविटी समाधान देने के लिए अपनी क्षमता को आगे बढ़ाया है। नोकिया के साथ यह रणनीतिक साझेदारी हमारे नेटवर्क को भविष्य के लिए तैयार करेगी और ग्राहकों को बेजोड़ अनुभव प्रदान करेगी। साथ ही, यह पर्यावरण पर प्रभाव को कम करने के लिए एक इको-फ्रेंडली नेटवर्क प्रदान करेगी।”
पेक्का लुंडमार्क (प्रेसिडेंट एंड सीईओ, नोकिया) ने कहा, “यह रणनीतिक अनुबंध एयरटेल के साथ हमारे लंबे समय के सहयोग और भारत में हमारी उपस्थिति को और मजबूत करता है। हमारा एयरस्केल पोर्टफोलियो और एआई आधारित सेवाएं एयरटेल के नेटवर्क में ऊर्जा बचत की क्षमता को बढ़ाएंगी और ग्राहकों को प्रीमियम 5जी कनेक्टिविटी और उत्कृष्ट सेवा गुणवत्ता प्रदान करेंगी।”
नोकिया और एयरटेल का सहयोग दो दशकों से अधिक पुराना है। नोकिया ने एयरटेल को 2जी, 3जी, 4जी और 5जी नेटवर्क के लिए उपकरण उपलब्ध कराए हैं। हाल ही में, दोनों ने ग्रीन 5जी पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य एयरटेल के नेटवर्क की ऊर्जा दक्षता बढ़ाना और कंपनी के कार्बन उत्सर्जन को घटाने के लक्ष्यों के अनुरूप उत्सर्जन कम करना है।