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दैनिक आहार में बादाम को शामिल करने से शरीर के एनर्जी लेवल को बढ़ाने में मिलती है मदद

  • हर दिन मुट्ठीभर बादाम से भारतीय परिवारों की प्रोटीन की आवश्यकता पूरी करने का प्रयास

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। प्रोटीन इंसानों के शरीर के लिए जरूरी होता है जो कि ऊतकों (टिश्यू) का निर्माण और रिपेयर करने के साथ-साथ मांसपेशियों के विकास में भी अहम् भूमिका निभाते हुए संपूर्ण स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। प्रोटीन की कमी के चलते शारीरिक विकास प्रभावित होता है, एनीमिया, कमजोरी आ सकती है और इम्यून सिस्टम भी कमजोर पड़ता है। इसके बावजूद भारतीय आहार में अक्सर इस आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट) की कमी पायी जाती है। नतीजतन 70 फीसदी से अधिक आबादी प्रोटीन की कमी से प्रभावित है।
उपभोक्ताओं को अपने दैनिक आहार में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा, जिसका प्राकृतिक और सेहतमंद स्रोत बादाम है, शामिल करने के महत्व के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से, आल्मंड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया ने “सपोर्टिंग द डेली प्रोटीन नीड्स ऑफ इंडियन फैमिलीज़ विद ए हैंडफुल ऑफ आल्मंड्स” विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। जिसमें जानी मानी शेफ और भारत की पहली मास्टरशेफ विजेता पंकज भदौरिया, सुप्रसिद्ध सेलीब्रेटी विरिका सोलंकी तथा मैक्स हेल्थकेयर में रीजनल हेड ऑफ डायटेटिक्स रितिका समद्दर ने भाग लिया।


पैनल चर्चा की शुरुआत करते हुए आरजे समरीन ने आहार में प्रोटीन के महत्व और स्वास्थ्य के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्व को लेकर भारतीयों के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता के अभाव पर रोशनी डाली। डायटीशियन रितिका समद्दर ने दैनिक भोजन में प्रोटीन की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए बताया कि यह जरूरी तत्व मांसपेशियों के विकास, इम्यून हेल्थ और दिनभर शरीर में एनर्जी लेवल बरकरार रखने के लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण होता है। साथ ही, उन्होंने इस आम गलतफहमी को भी दूर करने की कोशिश की कि प्रोटीन हमें केवल एनीमल प्रोडक्ट्स जैसे मीट, पनीर या मछली से ही मिलता है। उन्होंने बताया कि बादाम प्रोटीन का वनस्पति आधारित स्रोत है और इसे दैनिक आधार पर भोजन में शामिल किया जाना चाहिए।


रितिका ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (एनआईएन) द्वारा हाल में जारी दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए प्रोटीन सप्लीमेंट्स के अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से जुड़े जोखिमों, जैसे किडनी को नुकसान, डीहाइड्रेशन और पोषक तत्वों का असंतुलन पैदा होने के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने आईसीएमआर द्वारा जारी भारतीयों के लिए आहार संबंधी दिशा-निर्देशों का संदर्भ भी दिया। जिसके मुताबिक बादाम को संतुलित आहार में न सिर्फ हेल्थ स्नैक के तौर पर बल्कि प्लांट प्रोटीन के अहम् स्रोत के रूप में शामिल किया जा सकता है। रितिका ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि दैनिक आहार में बादाम को शामिल करने से शरीर का एनर्जी लेवल बढ़ाने में मदद मिलती है और इससे हेल्थ भी बेहतर बनती है। इस प्रकार, बादाम हर रोज़ की प्रोटीन जरूरतों को पूरा करने का प्राकृतिक तथा सेहतमंद विकल्प भी है।


पंकज भदोरिया ने कहा कि बादाम हर किचन में बेहद उपयोगी सामग्री भी है, क्योंकि आप इनका सेवन कई तरीके से कर सकते हैं। जैसे कच्चे, भुने हुए या फिर इन्हें पीसकर आटा बनाकर भी बादाम का सेवन किया जा सकता है और इनसे शरीर के लिए जरूरी पोषण मिलता है। विरिका सोलंकी ने भी आहार में प्रोटीन के प्राकृतिक स्रोतों को शामिल करने के महत्व के बारे में ज़ोर देते हुए कहा कि इनसे शरीर को तुरंत एनर्जी बूस्ट मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि बादाम का सेवन करने पर पेट भरा होने का अहसास बढ़ता है और ये जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण हृदय की सेहत के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
इस पैनल चर्चा के बाद, उपस्थित दर्शकों के लिए पंकज भदौरिया द्वारा लाइव कुकिंग का प्रदर्शन किया गया। जिसके माध्यम से बादामों को भोजन में शामिल करने के इनोवेटिव और आसान तौर-तरीकों की जानकारी दी गई।
मास्टरशेफ पंकज भदौरिया ने कहा, “मैं हमेशा से ऐसे व्यंजनों को पेश करने में यकीन रखती आई हूं जो न सिर्फ स्वादिष्ट हों बल्कि जिनसे शरीर को भी पोषण मिलता हो। भारतीय खानपान में प्रोटीन को अक्सर जरूरत से ज्यादा पकाया जाता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट्स की भी अधिकता होती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि हर कोई, भले ही उनकी खानपान संबंधी पसंद या प्राथमिकता कुछ भी हो, अपनी प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करने के स्रोतों को आसानी से तलाश सकता है। इस लिहाज से बादाम बेहतरीन विकल्प हैं। ये न सिर्फ नैचुरल प्रोटीन के शानदार स्रोत हैं बल्कि इनका इस्तेमाल काफी क्रिएटिव तौर-तरीकों से किया जा सकता है। जैसे कि इन्हें स्मूदीज़ में शामिल किया जा सकता है, सलाद टॉपिंग की तरह भी ये इस्तेमाल हो सकते हैं और सॉस में भी इन्हें मिलाया जा सकता है। इनसे स्वादिष्ट क्रन्च मिलता है और ये पोषण से भरपूर होने के कारण किसी भी व्यंजन के लिए परफेक्ट एडिशन की तरह हैं जिनसे फ्लेवर के साथ-साथ सेहत का लाभ भी मिलता है।”
रितिका समद्दर (रीजनल हेड ऑफ डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर) ने कहा, “भारतीय आहार से जुड़ी सबसे आम समस्या है कि उसमें प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा काफी हद तक कम होती है। साथ ही, यह भी आम गलतफहमी है कि वनस्पति-आधारित आहार का सेवन करने से उचित मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल पाता। लेकिन असलियत यह है कि बादाम जैसे वनस्पति स्रोतों को भोजन में उचित मात्रा में शामिल करने से भरपूर पोषण मिलता है। मैं अपने क्लाइंट्स को हमेशा यही सलाह देती हूं कि वे अपने प्रोटीन स्रोतों में विविधता लाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी प्रोटीन की दैनिक जरूरत पूरी हो। बादाम न सिर्फ प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होते हैं बल्कि ये विटामिन ई, मैग्नीसियम, और ज़िंक समेत 15 आवश्यक पोषक तत्वों को भी उपलब्ध कराते हैं। इन पोषण से भरपूर मेवों से दिल की सेहत अच्छी रहती है, वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है, मसल रिकवरी होती है और एनर्जी लेवल भी बना रहता है। साथ ही, ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिहाज़ से भी ये बेहतरीन होते हैं। बादाम को अपनी दैनिक खुराक में शामिल करना पोषण में सुधार करने का आसान तथा कारगर तरीका है।”

अभिनेत्री एवं रंगमंच कलाकार विरिका सोलंकी ने कहा, “एक एक्टर के रूप में मुझे दिन भर कई-कई शूट्स और रिहर्सल में भाग लेना होता है, जो बेहद थकाऊ होती हैं। ऐसे में मुझे अपने एनर्जी लेवल को बनाकर रखना बेहद जरूरी होता है। मेरे लिए, बादाम परफेक्ट सॉल्यूशन हैं जो नैचुरल प्रोटीन से भरपूर हैं, और मुझे दिन पर एकाग्रता बनाकर रखने तथा एनर्जी से भरपूर बनाए रखने में मददगार होते हैं। जब मैं बड़ी हो रही थी, तो मेरी मां मुझे हमेशा मुट्ठीभर बादाम खाने के लिए देती हैं और बचपन से ही यह आदत मेरे साथ बनी हुई है। अब मैं कहीं भी आते-जाते हुए स्नैक के तौर पर इनका सेवन करती हैं, ये न सिर्फ पोषण से भरपूर होते हैं बल्कि अनहेल्दी क्रेविंग्स से भी मुझे दूर रखते हैं। मैं किसी सेट पर हूं या ट्रैवल कर रही होती हूं, बादाम हमेशा मेरे साथ होते हैं, जो मुझे अपना एनर्जी लेवल बनाए रखने में मदद करते हैं।”
स्वास्थ्य के लिए दैनिक आहार में प्रोटीन स्रोतों को शामिल करने के महत्व पर ज़ोर देते हुए यह पैनल चर्चा संपन्न हुई। पैनलिस्टों ने प्राकृतिक और उत्तम प्रोटीन स्रोत के रूप में बादामों के महत्व पर ज़ोर दिया जिन्हें आसानी से भोजन में शामिल किया जा सकता है और ये दैनिक प्रोटीन आवश्यकता को आसानी से पूरा कर सकते हैं।