लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सशस्त्र सीमा बल, सीमांत मुख्यालय, लखनऊ के प्रागण में “पुलिस स्मृति दिवस” के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। रत्न संजय (भा.पु.से. महानिरीक्षक) ने सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी वीर जवानों को शत-शत नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उन सभी के परिवारों के प्रति अत्यंत आदर के साथ कृतज्ञता व्यक्त की।
21 अक्टूबर, 1959 को चीन से लगी भारतीय सीमा की सुरक्षा एवं निगरानी हेतु उत्तर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स नामक स्थान पर तैनात किये गए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तृतीय बटालियन के 10 कार्मिकों ने बहादुरी के साथ दुश्मन सेना से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन वीर जवानों के बलिदान के सम्मान में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
गत वर्ष सीमाओं की सुरक्षा, आतंकवाद का सामना, नक्सलियों का सामना, कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी एवं आपदा प्रबन्धन की ड्यूटी के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों एवं राज्य पुलिस बलों के कुल 213 वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। सशस्त्र सीमा बल के 02 कार्मिकों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहादत प्राप्त की। जिसमें आरक्षी जलवाहक रमेश कुमार (35वीं वाहिनी गिरिडीह), आरक्षी सामान्य सहादेब बर्मन (36वीं वाहिनी गेजिंग) शामिल हैं।
इन वीरों का सर्वोच्च बलिदान केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों एवं राज्यों पुलिस बलों के कार्यों की उच्चतम परम्पराओं का प्रतीक हैं तथा कर्तव्यनिष्ठा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता हैं। भारत की एकता एवं अखंडता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीरों को पुनः नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। महानिरीक्षक ने सभी कार्मिकों के साथ मिलकर यह प्रण लिया कि हम ऐसे ही अपने कर्तव्यों का निर्वहन राष्ट्र हित के लिए करते रहेंगे और उनके द्वारा दिखाए गये अदम्य साहस और बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।
इस अवसर पर महेश कुमार (उप-महानिरीक्षक), डॉ. निखिल कुमार प्रसाद (उप-महानिरीक्षक, चिकित्सा), हरी प्रकाश (कमांडेंट(, डॉ. एके सिन्हा (कमांडेंट, पशु-चिकित्सा), अरविन्द कुमार (कमांडेंट, चतुर्थ वाहिनी) सहित अन्य अधिकारीगण तथा समस्त बलकर्मी उपस्थित रहे।