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तीन दिवसीय BLODCON – 2024 का समापन, स्वैच्छिक रक्तदान पर हुई चर्चा

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। फेडरेशन ऑफ़ इंडियन ब्लड डोनर्स ऑर्गेनाइजेशन (FIBDO) द्वारा आयोजित BLODCON- 2024 का समापन हो गया। यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम था, जिसमें 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक प्रतिनिधि एक साथ, एक जगह एवं एक मंच पर एकत्रित हुए। 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन ने प्रतिनिधियों को देश भर में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ज्ञान, विचारों और रणनीतियों का आदान-प्रदान करने के लिए एक आकर्षक मंच प्रदान किया।

सम्मेलन का उद्घाटन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल्स (NIB) की निदेशक डॉ. नीलिमा मिश्रा ने किया। उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय रक्त आधान परिषद (NBTC) के निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार के साथ एक खुला सत्र था। इस सत्र के दौरान, प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय रक्त आधान अधिनियम के लिए एक अधिनियमन की मांग प्रस्तुत की। एक ऐसा कानून जिसके बारे में FIBDO का मानना ​​है कि भारत में रक्तदान के क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और उचित विनियमन सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है।

सम्मेलन को शानदार एवं सफल बनाने में अटूट समर्थन के लिए डॉ. नीलिमा मिश्रा को उनके नेतृत्व के लिए विशेष धन्यवाद दिया गया। साथ ही FIBDO के पदाधिकारियों को भी धन्यवाद दिया गया। जिनमें अध्यक्ष केपी राजगोपालन, सचिव विश्वरूप विश्वास और कोषाध्यक्ष/कार्यालय सचिव जितेंद्र कुमार शामिल हैं।

सम्मेलन में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व आलोक अग्रवाल (बलरामपुर), अभिषेक साहू (मिर्ज़ापुर), गुरमीत सिंह (फतेहपुर), सर्वेश शुक्ला (भदोही) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इसके अतिरिक्त केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा, जम्मू – कश्मीर सहित अन्य कई राज्यों से उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जो देश भर में स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को उजागर करती है। तीन दिनों के दौरान, प्रतिनिधि सार्थक चर्चाओं और ज्ञान-साझाकरण सत्रों में लगे रहे। जिसने देश भर में रक्तदान प्रणालियों की बेहतरी की दिशा में काम करने के उनके संकल्प को और मजबूत किया है।

BLODCON – 2024 को एक बड़ी सफलता के रूप में सराहा गया है, जिसमें प्रतिनिधि बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और रणनीतियाँ ले जा रहे हैं, जो FIBDO के मिशन को आगे बढ़ाएंगे। इसमें शामिल सभी लोगों के सामूहिक प्रयासों ने इस आयोजन को भारत में रक्तदान समुदाय के लिए एक बड़ा मील का पत्थर बना दिया है।