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क्षमता निर्माण कार्यशाला से पाठकों को समृद्ध करें : कुलपति

  • वर्धा में राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के 47वें पांच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का हुआ समापन

वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी प्रतिष्ठान, कोलकाता और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा द्वारा सार्वजनिक पुस्तकालय कर्मियों के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के 47वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समापन हो गया।

समापन कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि क्षमता निर्माण कार्यशाला में अर्जित ज्ञान सामान्य से सामान्य पाठकों को समृद्ध करने के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए। उन्होंने पांच दिवसीय (7-11अक्टूबर) कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे अपने पुस्तकालयों को समय के अनुसार आधुनिक और डिजिटल बनाने का काम करें जिससे पाठकों को पुस्तकालयों की सेवाएं अधिक आसान हो सकेगी।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वर्धा जिला पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन तथा मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संचालक अशोक गाडेकर उपस्थित थे।
अपने उद्बोधन में जिला पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पुस्तकालयों की महत्ता अधिक है, ऐसे में पुस्तकालयों को डिजिटल बनाने पर ध्यान देना चाहिए।‌ उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे जीवन में सफल होने के लिए पुस्तकालयों का अधिक से अधिक उपयोग करें।‌ उन्होंने अपनी सफलता की यात्रा से जुड़ी यादें भी साझा की।‌
महाराष्ट्र राज्य के मुंबई स्थित ग्रंथालय संचालक अशोक गाडेकर ने कहा कि देश में महाराष्ट्र सबसे अधिक सार्वजनिक पुस्तकालय वाला राज्य है। जहां 11 हजार से अधिक सार्वजनिक तथा 36 जिला पुस्तकालय हैं, इनमें 130 ऐसे पुस्तकालय हैं जो सौ साल पुराने हैं। मराठी भाषा को अभिजात भाषा का सम्मान मिलने में पुस्तकालयों की खास भूमिका है।‌ उन्होंने कहा कि पुस्तकालय कर्मी ज्ञान के प्रसार के मुख्य स्रोत है, इस लिहाज से पाठकों को अच्छी व आसान सेवाएं देना उनका दायित्व है।


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छः राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, गोवा और महाराष्ट्र से लगभग 50 से अधिक सार्वजनिक पुस्तकालय के पेशेवर शामिल रहे। देश के विभिन्न भागों में अब तक राष्ट्रव्यापी 46 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत पुस्तकालय स्वचालन सॉफ्टवेयर, गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे, संसाधनों, अद्यतन आईसीटी उपकरणों और तकनीकों, सोशल मीडिया, पुस्तकालय संसाधनों के संरक्षण और आधुनिक पुस्तकालय सेवाओं के प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ महात्‍मा गांधी, राजाराम मोहन राय व डॉ. एस. आर. रंगनाथन के फोटो पर पुष्‍पार्पण कर किया गया। प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।‌
कार्यक्रम का संचालन एसोशिएट प्रोफेसर एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनोज कुमार राय ने किया। विधि विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. जनार्दन कुमार तिवारी ने आभार व्यक्त किया। राष्‍ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागियों सहित वर्धा के जिला ग्रंथालय अधिकारी नितीन सोनोने, विवि के डॉ. राकेश कुमार मिश्रा, डॉ. जयंत उपाध्याय, डॉ. सूर्य प्रकाश पाण्डेय, डॉ. अंजनी कुमार राय एवं बी.एस. मिरगे आदि की उपस्थिति रही।