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लखनऊ में 27 सितंबर से सजेगा शहीदों को समर्पित पुस्तकों का संसार

  • बलरामपुर गार्डन में लगेगा इक्कीसवां दस दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला
  • काकोरी घटनाक्रम के शताब्दी वर्ष में शहीदों को समर्पित होगा बुक फेयर

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ‘काकोरी घटनाक्रम’ के थीम पर आयोजित होने वाला इक्कीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला बलिदानियों को समर्पित होगा। मेले का आयोजन केटी फाउंडेशन और फोर्स वन बुक्स द्वारा संयुक्त रूप से 27 सितंबर से 6 अक्टूबर तक बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में किया जा रहा है।

निःशुल्क प्रवेश और रोज सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलने वाले इस 10 दिवसीय पुस्तक मेले के बारे में जानकारी देते हुए संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि यह वर्ष काकोरी घटनाक्रम का शताब्दी वर्ष चल रहा है। सौ साल पहले आज़ाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रोशन सिंह, राजेन्द्र लाहिड़ी, सचीन्द्र बख्शी जैसे क्रान्तिकारियों की लखनऊ में खजाना लूट की घटना ने अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिला दी थीं। इसी थीम के बहाने इक्कीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में हम आजादी के महानायकों का पुण्य स्मरण करेंगे।

मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि देश के शीर्ष 10 पुस्तक मेलों में अपना स्थान बनाने वाले मेले में देश भर के बड़ी संख्या में अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू भाषा के प्रकाशक, वितरक और आयातक भाग ले रहे हैं। मेले में आने वाले नए प्रकाशकों में पिछले साल शताब्दी वर्ष मना चुका गोरखपुर का गीता प्रेस, दिल्ली का अनबॉउंड स्क्रिप्ट व वर्धमान बुक, इंदौर का फ्लाइड्रीम पब्लिकेशंस, गुरुग्राम का शुभी प्रकाशन, प्रयागराज का फ्यूचर सॉल्यूशंस और लखनऊ का नवपल्लव बुक्स शामिल हैं। इस पुस्तक-उत्सव में पुस्तक विमोचन, लेखकों से मिलें, कवि सम्मेलन, मुशायरा, युवा और बच्चों के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। स्कूली बच्चे, शिक्षक, लेखक, नौकरशाह, गृहिणियां और पुस्तक-प्रेमी पुस्तक मेले का बेसब्री से इंतजार करते हैं। पुस्तक मेले के दौरान सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ एक विशेष आकर्षण होती हैं।

उन्होंने बताया कि ज्ञान का प्रकाश फैलाने और आजकल कम होती जा रही पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने के मकसद से यह पुस्तक मेला आयोजित किया जाता है। 27 सितंबर को शाम 5 बजे पुस्तक मेले का उद्घाटन करने के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को आमंत्रित किया गया है।


मेले के निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि हमेशा की तरह निःशुल्क प्रवेश होगा और पुस्तक प्रेमियों को न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने आभासी दुनिया में किताबों के कभी न खत्म होने वाले फायदों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि किताबें सबसे अच्छी दोस्त मानी जाती हैं और सदियों से समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं।

पुस्तकों के प्रदर्शन के लिए 15 हजार वर्ग फीट का वाटरप्रूफ जर्मन हैंगर लगाया गया है। मेले में दिल्ली से राजकमल, वाणी, प्रभात, राजपाल एंड संस, सस्ता साहित्य मंडल, सेतु प्रकाशन, सम्यक प्रकाशन, गौतम बुक सेंटर, प्रकाशन संस्थान, नई किताब प्रकाशन, रितेश बुक, ऋषभ बुक, ऋषि पब्लिकेशंस, नैय्यर बुक, भारतीय कला प्रकाशन, यूनिवर्सल बुक, गुडवर्ड बुक्स, अरुण बुक्स, याचिका इण्टरप्राइज़ेज़, एजूकेशनल मिराकिल, एजूकेशनल एण्ड साइंटिफिक एड्स, पद्म बुक, शिवांगी बुक, बुक्स एण्ड संस, अदिति बुक, माइण्ड पावर एजूकेशनल, नेशनल काउंसिल उर्दू व प्रकाशन विभाग, मुम्बई से जय बुक, जयपुर से श्री दुप्तेश्वर, पटना से मेहता बुक, अहमदाबाद से विधि बुक्स, नोएडा से हिन्द युग्म, गाजियाबाद से न्यू बुक, आगरा से निखिल पब्लिशर्स, रायपुर से एंजेल बुक मेले में आ रहे हैं।

स्थानीय स्तर पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, बोधरस प्रकाशन, दलित साहित्य, दिव्यांश पब्लिकेशंस, रामकृष्ण मठ योग सत्संग हिंदी वांग्मय निधि, आर्य प्रतिनिधि सभा, ई लोकल शॉप, गायत्री ज्ञान मंदिर, बीइंग बुकिश, अहमदिया कम्युनिटी, द रियल मार्क, सुभाष पुस्तक भंडार, राजू स्टिकर्स, देवेंदर बुक्स इत्यादि के स्टाल होंगे। इसके अलावा कोलकाता, कन्नौज व गिडोन्स इंटरनेशनल के स्टाल भी होंगे। पुस्तक प्रेमियों की सुरक्षित और आरामदायक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए गये हैं। स्थानीय लेखकों को उनकी पुस्तकों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए मुफ़्त स्टॉल मिलता है। पुस्तक मेले में बच्चों के कार्यक्रम भी होंगे। नेशनल बुक फेयर के सहयोगी रेडियो सिटी, विजय स्टूडियो, बुबचिक, ऑरिजिंस, स्टार टेक्नोलॉजीज, रेट्रोबी, ऑप्टिकुंभ, मैगजीन पार्टनर्स सिटी एसेंस और ट्रेड मित्र हैं। पत्रकार वार्ता में ज्योति किरण रतन सहित आयोजन टीम से जुड़े अन्य सदस्य मौजूद रहे।