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बोले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, गौ रक्षा के लिए कानून बनाना जरूरी

लखनऊ में गौ ध्वज भारत यात्रा: शंकराचार्य बोले सनातन से होगा विश्व कल्याण

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहाकि जब एक देश, एक कानून, एक देश, एक चुनाव की बात हो रही है तो गौ माता को लेकर हर प्रदेश में अलग-अलग कानून क्यों बनाए गए? गौ हत्या बंद करने के लिए सरकार को कानून बनाना होगा। इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को आयोजित धर्म सभा जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहाकि विश्व का कल्याण सनातन धर्म से संभव है। सनातन धर्म दुनिया के श्रेष्ठ धर्मों में से एक है और इस धर्म की प्रासंगिकता चिर काल तक रहेगी। भौतिकता के प्रभाव से लोग धर्म के सन्मार्ग से भटक गये है इसलिए तनाव अशांति जैसी स्थितियों से जनजीवन को गुजरना पड़ रहा है और अपराध, अनाचार चरम पर है। विश्व के कल्याण के लिए हम सभी को धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।

सभा के पश्चात आयोजित पत्रकार वार्ता में शंकराचार्य ने कहा कि, “हमारे देश में गाय को गौ माता के रूप में पूजा जाता है। मगर यह दुर्भाग्य की बात है कि जिस देश में गाय की पूजा की जाती है वहां से गौ मांस का निर्यात हो रहा है। हम चाहेंगे की देश की सरकारें गौ के सम्मान में धर्म के सम्मान में गायों की हत्या पर रोक लगाए। हमारी यह यात्रा देश के अलग अलग अंचलों से होकर गुजरेगी जिसमे देश के सभी प्रमुख महंत जनमानस के साथ हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहाकि हिंदुओं का वोट लेकर हिंदुओं के साथ धोखा हो रहा है। देश में न राष्ट्रपति हिंदू हैं न प्रधानमंत्री हिंदू हैं। अगर ये हिंदू होते तो एक भी गाय की हत्या नहीं होती। उन्होंने कहा कि वह सभी प्रदेशों की यात्रा करेंगे गौ-ध्वज फहराएंगे। सरकार को हर हाल में गौ रक्षा का कानून बनाना होगा। मैंने रामलला के सामने भी यही संकल्प लिया है कि जब तक कानून नहीं बन जाता और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक दर्शन नहीं करूंगा।

शंकराचार्य ने कहाकि भारत की पहचान मंदिर है, यहां की संस्कृति में सबसे बड़ा सम्मान गाय का है। हमारे यहां पहली रोटी गाय के लिए निकाली जाती है। लेकिन भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए गायों की जान ली जा रही है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने कई बार गौ माता के नाम पर वोट देकर देश व प्रदेशों में बहुमत की सरकार बनवाई लेकिन किसी ने गौ माता के लिए कुछ नहीं किया। देश को गौ मांस निर्यात करने की सूची में विश्व में दूसरे स्थान पर खड़ा कर दिया। प्रसाद में आज गौ अंश मिला दिया गया, क्या ये 1857 की क्रांति जैसा समय नहीं है। तिरुपति में करोड़ों लोगों को गाय की चर्बी वाला प्रसाद खिलाया गया।

उन्होंने कहा कि गाय माता को राष्ट्र माता बनाने के लिए आजादी से पहले गौ भक्तों ने मन बना लिया था। कांग्रेस का चुनाव निशान पहले दो बैलों की जोड़ी था। बाद में दूध पीता बछड़ा था, इसलिए लोगों ने उनको वोट दिया, लेकिन इन्होंने गौ रक्षा के लिए कुछ नहीं किया। बाद में जो दूसरे लोग सत्ता में आए और कहा कि हम बहुमत में नहीं हैं, जब बहुमत में आएंगे तब गौ रक्षा पर कानून बनाएंगे। जब वो लोग दुबारा सत्ता में बहुमत से आए, तो उन्होंने भी कुछ नहीं किया। अब हम मतदाताओं को गौ मतदाता बनाने का काम करेंगे और मतदाताओं पर भरोसा करेंगे।

अयोध्या में हमने भगवान श्रीराम से कहा, हमें शक्ति दीजिए, जिससे गौ हत्या बंद कराई जा सके। भगवान राम के साथ-साथ हमें लक्ष्मण जी की भी जरूरत है, इसलिए हम लक्ष्मणपुरी आए हैं। आने वाले समय में हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। सभी प्रदेशों में हम गौ ध्वज की स्थापना करेंगे।

उन्होंने भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी इस यात्रा का सबसे पहला विरोध भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हुआ। नगालैंड में हमें रोक दिया गया, लेकिन हम नगालैंड जाएंगे। यह भाजपा का दोहरा चरित्र है, जिससे मैं आश्चर्यचकित हूं।

इस अवसर पर सुरेश जगजीत यादव, अजय भटेले आत्मीय शिष्य जगद गुरू शंकराचार्य, विकास सिंह, सुरेन्द्र तिवारी, बजरगी पटेल, फूलचंद पटेल, सुनील वर्मा, राजनाथ वर्मा, प्रभाकर वर्मा, अजीत उपाध्याय, दिग्विजय उपाध्याय, वीरेंद्र दुबे, प्रवीण सिंह अमर आनन्द, लाल बहादुर यादव, देवेन्द्र यादव, प्रिंसिपल मनमोहन पाण्डेय, मंगल दादा वीरेश वर्मा, रामराज त्रिपाठी, अजितेश राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और कई शीर्ष नौकरशाह उपस्थित थे।